ज्ञान ज्योति महाविद्यालय में “ओमिक्रोन” पर वेबीनार आयोजित

ज्ञान ज्योति महाविद्यालय में फार्मेसी एवं पारा मेडिकल के शिक्षकों के द्वारा वेबीनार के माध्यम से कोरोना वायरस के नए वेरिएंट “ओमिक्रोन” के विषय में जागरूक किया गया। यह बढ़ती महामारी समाज एवं विश्व के लिए एक घोर चिंता का विषय बन चुका है। इस विषय पर चर्चा करते हुए महाविद्यालय के निदेशक श्री शंभू कुमार ने बताया कि हमें इस दौर में पूर्व से भी ज्यादा सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक अपने स्तर से इस विषय पर अध्ययन कर रहे हैं परंतु हमें सामाजिक तौर पर भी इस संक्रमण को रोकने का प्रयास करना चाहिए। ओमिक्रोन संक्रमितों से मिले अहम तथ्यों से पता चला है कि यह संक्रमण तेजी से फैलता है, पर इसमें ऑक्सीजन की कमी नहीं होती है तथा 5-10% लोगों को ही बुखार के लक्षण प्रमाणित होते हैं।
इस महामारी से आगे चर्चा करते हुए डायरेक्टर श्री विनय कुमार ने आगे चर्चा करते हुए इससे बचने के कुछ उपाय बताएं जैसे मास्क पहनना, भीड़ वाली जगह से बचना तथा टीकाकरण करवाना। इस महामारी से बचाव में अपना योगदान देते हुए महाविद्यालय ने टीकाकरण का भी आयोजन किया जिसमें 500 से भी ज्यादा लोगों का टीकाकरण हुआ।
नीतू सिन्हा ने वेबीनार को संबोधित करते हुए बताया कि, म्यूटेशन जो कोरोना वायरस में काफी समय से देखा जा रहा है, इसका अर्थ है कि वायरस तेजी से फैल सकता है मगर बीमारी हल्की होगी या एसिंप्टोमेटिक होगी। ओमिक्रोन की खासियत इशारा करती है कि यह वायरस रिकंबीनेशन का नतीजा है, जो अलग-अलग वायरसों के एक ही होस्ट सेल में इंटरेक्ट करने को कहते हैं। इसी दौरान वो अपनी कॉपी बनाते हैं जिनमें पैरंट वायरस के जेनेटिक मैटेरियल होते हैं।
इसी के पश्चात श्वेता सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि डेटा का आकलन करने के बाद WHO की तरफ से कहा गया है कि शुरुआती लक्षणों से पता चला है कि अन्य वैरीअंट की तुलना में इस वैरीअंट में इंफेक्शन का खतरा ज्यादा है। कोरोना वायरस में स्पाइक प्रोटीन में इस वैरीएंट में लगभग 30 म्यूटेशन है। इसलिए आम तौर पर इसकी आसानी से फैलने की संभावना है। इस आयोजन में छात्रों के अलावा मुख्य रूप से काजल कुमारी, मोहन कुमार, उज्जवल कुमार, मनोज कुमार एवं रवि कुमार रजक उपस्थित थे।