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कोरोना का तीसरी लहर ने मचाया हडकंप ,एक बार फिर शुरू हो गया प्रवासियों के घर वापसी का सिलसिला

कोरोना का तीसरी लहर ने मचाया हडकंप ,एक बार फिर शुरू हो गया प्रवासियों के घर वापसी का सिलसिला

बिहार : देश के तमाम हिस्सों में कोरोना के तीसरे लहर से दहशत का माहौल बन नजर आ रहा है । कई राज्यों में संक्रमण को रोकने के लिए नए नियम लागु किये गए है   नाइट कर्फ्यू लगाए गए हैं। बाजार बंद कराए जा रहे हैं, स्कूल-कॉलेज बंद हो चुकी  हैं, तो ऐसे में एक बार फिर प्रवासी बिहारी कामगारों के बीच दहशत का माहौल नज़र आ रहा है और वह अपने गांव की ओर जाने क लिए उत्त्वाला हो रहे हैं। कोरोना के बढ़ते मामले और जारी किए गए नियम लागु होने  के कारण दिल्ली, मुंबई आदि शहरों में रह रहे प्रवासी मजदुर  लॉकडाउन की आशंका से डर बना हुआ हैं। उन्हें लग रहा है कि इन हालातों के बीच कही लॉकडाउन हो गई तो दिल्ली और मुंबई जैसे राज्य की सरकार बाहरी प्रदेशों के लिए कोई व्यवस्था नहीं कर पाती है और उन्हें फिर पैदल गांव जाना पर सकता है । इससे बेहतर है कि अभी ट्रेन चल रही है तो गांव की ओर चल दिया  जाए। इसी को लेकर प्रवासी मजदुर के घर जाने  का सिलसिला शुरू हो गया है और सिर्फ बेगूसराय जिला में प्रत्येक दिन पांच सौ से अधिक लोग घर आ रहे हैं।

दिल्ली से आने वाले मजदुर  के लिए वैशाली सुपरफास्ट एक्सप्रेस वरदान बन रही है। प्रत्येक दिन बरौनी और बेगूसराय स्टेशन पर प्रवासियों की भीड़ उमरती नज़र आ रही है  लेकिन इसमें दुःख की बात यह है  कि स्टेशन पर बाहर से आने वालों लोगो के लिए ना जांच की कोई व्यवस्था है . बेगूसराय में बीते  सप्ताह से संक्रमितों की संख्या काफी बढती नज़र आ रही है, एक सप्ताह में संक्रमितों की संख्या अप्रत्याशित रूप से तीन सौ से दो सौ गुना बढ़कर छह सौ को पार कर गयी  है। वही दूसरी तरफ बेगूसराय स्टेशन पर जांच की कोई व्यवस्था नहीं रहने के कारण दिल्ली से वैशाली एक्सप्रेस से वापस आने वाले सीधे अपने घर जा रहे हैं। इससे गांव में संक्रमितों की संख्या बढ़ने से इंकार नहीं किया जा सकता है। आपको बता दे की  वैशाली एक्सप्रेस के माध्यम से दिल्ली से लौटे मोहन राय, विनय एवं सुनील आदि ने बेगूसराय स्टेशन पर बताया कि हम लोग कई साल से दिल्ली में रहकर मजदूरी करते हैं।जैसा की अप जानते है की जब देश में लॉकडाउन की शुरुआत  2020 में जब लगा तो उस समय मजदूरो के लिए वहां कोई व्यवस्था नहीं रहने के कारण किसी तरह मजदूरो ने पैदल जलालत झेलते हुए गांव पहुंचे थे। आपको यह भी बता दे की मजदूरो ने अपने परेशानी से किसी तरह से अपने घर तो पहुचें ले४किन गाव में सरकारी स्तर पर कोई काम नहीं मिला सका ,जिससे  काफी प्रयास से खोज-बिन कर  मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते रहेे, लेकिन ऐसा कब तक चलता रहेगा , वहां मालिक ने बुलाया था, काम भी अच्छी तरह से मिला रहा था ,  लेकिन अब जब एक बार फिर कोरोना ने फिर अटैक कर दिया है तो दिल्ली डराने लगा। इस डिजिटल युग में हेर रोज मोबाइल पर देखते हैं कि दिल्ली में रोज हजारों लोग कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं, और कई  लोगो की जान भी जा रही है .

आपको यह भी जानकारी के लिए बता दे की दिल्ली सरकार ने शनिवार और रविवार को लॉकडाउन लगा दिया है, जिससे वहां 24 घंटा मन में भय का संका बना रहता था कि अगर लॉकडाउन लग गया तो फिर हम क्या खाएंगे, कहां रहेंगेे, गांव कैसे जाएंगे। इधर गांव से भी बार-बार फोन आ रहा था कि कोरोना फैल रहा है घर लौट जाओ, जिसके कारण तीसरी लहर के डर से दिल्ली को बाय-बाय कहकर लॉकडाउन के डर से गांव आ गए हैं। श्रमिकों ने बताया कि दिल्ली में रहने वाले हजारों-लाखों श्रमिक लॉकडाउन के डर से गांव आने के लिए परेशान हैंं, ट्रेन चल रही है लेकिन टिकट मिलने में भी समस्या होता है। सरकार प्रवासियों के लिए स्पेशल ट्रेन चलाए, नहीं तो दिल्ली में रह रहे श्रमिक मानसिक रूप से काफी परेशान हो जाएंगे।

अब देखना लाजमी होगा की दिल्ली सरकार ने मजदूरो को अपने गाव जाने के  लिए क्या कुछ सुविधा प्रदान करेगे या नहीं यह दिल्ली सरकार के लिए बड़ी सवाल है ?

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