अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्पण किया गया अर्घ्य, विभिन्न छठ घाटों में उमड़ा आस्था का जनसैलाब,
विभिन्न छठ घाटों में उमड़ा आस्था का जनसैलाब, कल उगते सूर्य को दिया जाएगा अर्घ्य
अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्पण किया गया अर्घ्य, विभिन्न छठ घाटों में उमड़ा आस्था का जनसैलाब, कल उगते सूर्य को दिया जाएगा अर्घ्य
गिरिडीह, मनोज कुमार
गिरिडीह: लोक आस्था का महापर्व छठ महापर्व के तीसरे दिन विभिन्न छठ घाटों में अस्ताचलगामी भगवान शिव को अर्पण किया गया। छठ पूजा की एक-एक विधि और नियम कायदे का अपना अलग धार्मिक और पौराणिक महत्व है। इस महा पूजा के तीसरे दिन रविवार को शाम के समय पूजा पाठ के बाद डूबते सूर्य को परंपरा के अनुसार अर्घ्य दिया गया। इस दौरान सभी व्रती श्रद्धालु अपने-अपने बांस की टोकरी दउरा में पूजा सामग्री के साथ फल ठेकुआ नारियल चावल के लड्डू लेकर विभिन्न जलाशयों के तट पर पहुंचे।
यहां विधि विधान से पूजा की गई और दीपक जलाया गया। जिसके बाद सभी व्रती अपने परिजनों व अन्य लोगों के साथ मिलकर अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया गया। शहर के अरगाघाट छठ घाट, दीनदयाल छठ घाट, झरियागादी छठ घाट, शिव शक्ति छठ घाट चिरैया घाट,मेट्रोस गली छठ घाट ,सीतलपुर छठ घाट ,सिरसिया छठ घाट, सिहोडीह आदर्श नगर छठ घाट , सिहोडीह आमघाट ,बरगंडा छठ घाट ,ऑफिसर कॉलोनी छठ घाट, आश्रम रोड छठ घाट,न्यू बरगंडा छठ घाट,शास्त्री नगर अमित बरदियार छठ घाट, पचंबा छठ घाट समेत विभिन्न छठ घाट के साथ-
साथ ग्रामीण क्षेत्रों के तालाबों में आस्था का जनसैलाब देखने को मिला। हर जगह लोग भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पण करने के लिए पहुंचे हुए थे। मालूम हो कि शनिवार को खरना के बाद छठ व्रतियों के लिए 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया था।
जो बिना अन्न पानी के रविवार को सूर्य उपासना कर अर्घ्य दिया गया। बहुत से श्रद्धालुओं ने परंपरा के अनुसार मनोकामना पूर्ण होने पर दंड भी दिया। सोमवार को सुबह में उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा जिसके बाद 4 दिनों का महापर्व समाप्त हो जाएगा।