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सरस्वती शिशु विद्या मंदिर बरगंडा में बुधवार को गोस्वामी तुलसीदास की 526वीं जयंती मनाई गई।

सरस्वती शिशु विद्या मंदिर बरगंडा में बुधवार को गोस्वामी तुलसीदास की 526वीं जयंती मनाई गई।

 

सरस्वती शिशु विद्या मंदिर बरगंडा में बुधवार को गोस्वामी तुलसीदास की 526वीं जयंती मनाई गई।

गिरिडीह, मनोज कुमार।

गिरिडीह:  सरस्वती शिशु विद्या मंदिर बरगंडा में बुधवार को गोस्वामी तुलसीदास की 526वीं जयंती मनाई गई। प्रधानाचार्य शिवकुमार चौधरी एवं बच्चों ने तुलसीदास जी के समक्ष दीप जलाकर श्रद्धा सुमन अर्पित किये।

बहन अरुणिमा राज ने गोस्वामी तुलसीदास के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें मन में भक्ति का बीज बोते रहना चाहिए। इसका सकारात्मक फल हमें अवश्य मिलता है। वहीं भैया अनमोल मिश्रा ने रुद्राष्टकम स्रोत का वाचन किया।आचार्य हरिशंकर तिवारी ने कहा हमें अपने जीवन में तुलसीकृत रामचरितमानस का अवश्य अध्ययन करना चाहिए।

प्रधानाचार्य ने बताया कि गोस्वामी तुलसीदास 16वीं सदी के महान संत और कवियों में श्रेष्ठ माने जाते हैं।इन्हें आदि काव्य रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि का अवतार माना जाता है।इनके 12 ग्र॔थों की रचना में रामचरितमानस और हनुमान चालीसा को विशेष स्थान प्राप्त है।गोस्वामी तुलसीदास जी ने मानस के जरिए न सिर्फ भगवान राम की महिमा का गुणगान किया है बल्कि उनके अनन्य भक्त होने के साथ-साथ समाज को सही दिशा दिखाने का भी काम किया है।

इस अवसर पर प्रांतीय योजनानुसार विद्यालय में बच्चों के बीच सुलेख,चित्रांकन एवं निबंध की प्रतियोगिता कक्षाशः संपन्न कराया गया। प्रथम एवं द्वितीय स्थान प्राप्त बच्चों के निबंध,चित्रांकन एवं सुलेख प्रांत प्रेषित किया जाएगा।कार्यक्रम को सफल बनाने में अजीत मिश्रा,राजेंद्र लाल बरनवाल एवं समस्त आचार्य दीदी का सराहनीय योगदान रहा।

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