वैष्णो देवी में हुई भगदड़ पर एलजी ने की बैठाई हाई लेवल मीटिंग
परिजनों को 5 लाख रुपये अतिरिक्त मदद देने का ऐलान किया.
माता वैष्णो देवी मंदिर में भगदड़ के बाद जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल (एलजी) मनोज सिन्हा ने रविवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की. माता वैष्णो देवी श्राईन बोर्ड की हाई-लेवल मीटिंग के बाद मनोज सिन्हा ने वैष्णो देवी मंदिर में मची भगदड़ में जिन लोगों की मौत हुई है, उनके निकट परिजनों को 5 लाख रुपये अतिरिक्त मदद देने का ऐलान किया.
माता वैष्णो देवी श्राईन बोर्ड की बैठक की मनोज सिन्हा ने अध्यक्षता की. इसके बाद उन्होंने कहा कि शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात को वैष्णो देवी मंदिर में भगदड़ मच गयी थी. इसमें उत्तर प्रदेश, दिल्ली समेत 4 राज्यों के 12 श्रद्धालुओं की मौत हो गयी, जिसमें 2 महिला थी. जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट जनरल मनोज सिन्हा ने कहा कि जिन लोगों की मौत हुई है, उनके निकट परिजनों को अतिरिक्त 5 लाख रुपये की मदद दी जायेगी.
इसके पहले राज्यपाल की ओर से कहा गया था कि भगदड़ के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों में से प्रत्येक को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जायेगी और घायलों को दो-दो लाख रुपये दिये जायेंगे. श्राईन बोर्ड के अध्यक्ष मनोज सिन्हा ने कहा था कि श्राईन बोर्ड घायलों के इलाज का खर्च वहन करेगा.इससे पहले, माता वैष्णो देवी श्राईन बोर्ड ने एक बयान जारी कर कहा कि शनिवार की भगदड़ तीर्थयात्रियों के दो समूहों के बीच झगड़े के कारण हुई. बोर्ड ने जोर देकर कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए 50 हजार की क्षमता के मुकाबले केवल 35,000 श्रद्धालुओं को यात्रा की अनुमति दी गयी थी.
भगदड़ की जांच के लिए बनी समिति
उपराज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर के प्रधान सचिव (गृह) की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की है. जांच समिति में प्रधान सचिव (गृह) शालीन काबरा के अलावा एडीजीपी मुकेश सिंह और जम्मू के संभागीय आयुक्त राजीव लंगर को शामिल किया गया है. समिति को एक हफ्ते में जांच रिपोर्ट देने को कहा गया है. उपराज्यपाल ने घायलों को 2-2 लाख रुपये देने की भी घोषणा की थी. घायलों के इलाज का खर्च श्राईन बोर्ड वहन करेगा.
उल्लेखनीय है कि जम्मू से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर त्रिकुटा पहाड़ी पर स्थित इस धाम पर इस तरह की यह पहली घटना है, जहां पर हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए जाते हैं. भगदड़ 31 दिसंबर और 1 जनवरी की रात लगभग ढाई बजे मंदिर के गर्भगृह के बाहर गेट नंबर तीन के पास हुई. यहां पर कटरा आधार शिविर से करीब 13 किलोमीटर की दूरी तय कर श्रद्धालु एकत्र होते हैं.