बैखोफ स्थानीय नदियों से हजारों ट्रेक्टर अवैध बालू का हो रहा उठाव ,उच्च अधिकारी मौन ।
बैखोफ स्थानीय नदियों से हजारों ट्रेक्टर अवैध बालू का हो रहा उठाव ,उच्च अधिकारी मौन ।
बैखोफ स्थानीय नदियों से हजारों ट्रेक्टर अवैध बालू का हो रहा उठाव ,उच्च अधिकारी मौन ।
टंडवा: शशि पाठक
चतरा: झारखंड के चतरा जिला के टंडवा प्रखंड क्षेत्र में संचालित औद्योगिक इकाइयों में बड़े पैमाने में स्थानीय नदियों से हजारों ट्रेक्टर भंडारित बालू होने के बावजूद जिले के वरीय पदाधिकारियों की चुप्पी तथा चंद ट्रेक्टरों पर की गई कार्रवाई से इस कार्य में बड़े पैमाने पर अवैध वसूली होने की आशंका लोगों द्वारा जताई जा रही है। जिला खनन पदाधिकारी इस मामले में पिछले कई दिनों से बड़ी कार्रवाई करने की बातें कह कर लोगों को गुमराह करते रहे हैं। सूत्रों की मानें तो डीएमओ के संरक्षण में एनटीपीसी परियोजना के निर्माण में लगे सहायक कंपनियां जीडीसीएल,न्यू नालंदा समेत अन्य व सीसीएल के आम्रपाली कोल परियोजना में 650 करोड़ रुपए की लागत से निर्माणाधीन टाउनशिप निर्माण में लगी कंपनी द्वारा बेधड़क बालू का भारी भंडारण जारी है।जबकि, दिलचस्प तथ्य तो यह है कि दोहन टंडवा के विभिन्न नदियों से होने के बावजूद आसानी से फर्जी चालान अन्यत्र क्षेत्रों का दिखाकर खानापूर्ति की जा रही है। अमूमन प्रत्येक दिन 500-1000 ट्रेक्टर बालू इन निर्माण कंपनियों में खपाया जा रहा है जिससे जहां कई नदियों का अस्तित्व खतरे में है वहीं कंपनी व अधिकारी राजस्व हेरा-फेरी कर करोड़ों का चूना लगा रहे हैं।
इस लाखों -करोडों के काले कारोबार में अधिकारियों की मेहरबानी लगातार जारी है। आपको बता दें खानापूर्ति व जांच एजेंसियों की नजर से बचने के लिए अधिकारियों द्वारा माफियाओं और कंपनियों को संरक्षण देते हुए कुछ चिन्हित ट्रेक्टरों को धर-पकड़ कर सलाखों के पीछे ढकेल दिया गया जिससे स्थानीय लोगों में अधिकारियों व कंपनी के प्रति आक्रोश पनप रहा है । ऐसे में दोधारु नीति अपनाने वाले विभागीय अधिकारियों पर भी अब सवालिया निशान उठाते हुए लोग उच्चस्तरीय जांच की मांग करने लगे हैं।