शांतिपूर्ण ढंग से मनाई गई ईद सभी ने घरों में रहकर किया नमाज अदा
बरही:- तीस रोजे रखने के बाद मुस्लिम धर्मावलंबी में ईद का त्यौहार आता है, जिसे मीठी ईद भी कहा जाता है। यह निहायत ही खुशी एवं भाईचारे का त्यौहार होता है। कहा जाता है कि रोजेदारों को तीस रोजे रखने के एवज में अल्लाह की तरफ से ईद का त्यौहार तोहफे में मिलता है। इसमें नमाज अदा करने के बाद लोग एक दूसरे से गले मिलकर सारे शिकवे गिले खत्म कर एक दूसरे को मुबारकबाद पेश करते हैं। परंतु इस कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस वर्ष भी ईद की नमाज घरों में रहकर अदा की गई। पहले बाजारों घरों चौक चौराहों गली मोहल्लों में चहल-पहल देखी जाती थी। लेकिन यह चहल-पहल कोरोना जैसे महामारी के कारण खत्म हो गई है। समाजसेवी सह पूर्वी जिला परिषद सदस्य मोहम्मद कयूम अंसारी ने अपने घर में परिवार के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए नमाज अदा किया और कहा कि कोरोना महामारी के कारण इस वर्ष भी हमारी ईद फीकी रही। हम सभी अल्लाह से दुआ करें कि पूरा विश्व के साथ हमारा भारत से भी कोरोना जैसी महामारी को दूर करें। उन्होंने लोगों से अपील किया कि सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का सख्ती से पालन करें, ताकि हम कोरोना जैसे महामारी के फैलाव से निजात पा सके। उन्होंने अंत में सभी क्षेत्रवासियों को मुबारकबाद देते हुए सभी को सावधानी बरतने की अपील।