राजपुरा कोलियरी की जमीन पर भू माफियाओं का कब्जा
राजपुरा कोलियरी की जमीन पर भू माफियाओं का कब्जा
राजपुरा कोलियरी की जमीन पर भू माफियाओं का कब्जा
धनबाद/ निरसा: मलय गोप
धनबाद/निरसा: ईसीएल मुगमा क्षेत्र के राजपुरा कोलियरी की जमीन पर फर्जी कागजात से भू–माफिया अवैध कब्जा कर रहे हैं। तीन चार एकड़ जमीन प्लाटिंग कर ऊंचे दामों में बेची जा चुकी है। जिसपर कई मकान व दुकान भी बन चुके हैं। अब भू माफिया द्वारा दो तीन एकड़ में फैले ओबी डम्प व उसपर लगे पेंड़ को भी धड़ल्ले से काटा जा रहा है। ताकि ओबी डम्प वाली जमीन भी प्लाटिंग कर बेची जा सके। वहीं ईसीएल मुगमा एरिया प्रबंधन और वन विभाग कुंभकर्णी नींद सोयी हुई है। बताया जा रहा है कि जमीन की इस लूट खसोट में कोलियरी के कुछ अधिकारी भी शामिल हैं।
क्या है फर्जी कागजात
आपको बता दें कि वर्ष 1977 में कोलियरियों का राष्ट्रीयकरण हुआ था। उस समय कोलियरी व उसके आसपास की ख़ाली पड़ी जमीन का अधिग्रहण हुआ था। जो नक्से में साफ दर्शाया गया है। रैयतों को मोटी रकम मुआवजा या नौकरी दे दी गयी। पर रैयतों से जमीन के कागजात नहीं लिये गये। जिसका फायदा भू माफिया उठा रहे हैं एवं रैयतों के वंशजों को मोहरा बनाकर ईसीएल की जमीन धड़ल्ले से खरीद बिक्री कर रहे हैं। इतना ही नहीं ईसीएल प्रबंधन जब विरोध करती है तो इसी फर्जी कागजात के एरिये कोर्ट में दावा भी ठोंक देते हैं। दावे पर ईसीएल का कोई भी अधिकारी दिलचस्पी नहीं दिखाते और भू माफिया जमीन पर अवैध कब्जा कर लेते हैं।
डेंजर एरिया पर भी कब्जा
राजपुरा कोलियरी प्रबंधन द्वारा कोलियरी विस्तार के लिये जिस क्षेत्र को डेंजर घोषित कर दिया गया है उसपर भी अवैध कब्जा कर लिया गया है। खदान सुरक्षा के लिये पत्थर से की गयी घेराबंदी से सटकर घर बना लिया गया है। पहाड़नुमा ओबी डम्प और उसपर लगे पेड़ को काटा जा रहा है, जो चालिस साल से अधिक समय से ईसीएल के कब्जे में है। आश्चर्य की बात तो यह है कि बंद खदान जिससे कोयला निकाला गया है उसे भी भू माफिया ने अपने नाम कर लिया है। यदि पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच हुई तो ईसीएल जमीन की खरीद बिक्री में करोड़ों का खेल का पर्दाफाश हो जायेगा।
विभाष चन्द्र सिंह , महाप्रबंधक ईसीएल मुगमा ….
ओबी डम्प एवं पेड़ की कटाई कर ईसीएल की जमीन पर अवैध कब्जा की जानकारी नहीं है। सिक्युरिटी टीम को भेजकर काम रूकवाया जायेगा। भू माफियाओं पर कार्रवाई की जायेगी। किसी भी सूरत में सरकारी संपत्ति की लूट की छूट नहीं दी जायेगी
विमल लकड़ा,डीएफओ धनबाद
मुझे इसकी जानकारी नहीं है। बिना किसी सूचना के यदि पेड़ की कटाई की जा रही है तो गलत है। जांच कर वैसे लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी।
ओबी के पत्थरों की तस्करी जारी
धनबाद: भू माफियाओं का मनोबल इतना बढ़ा हुआ है कि डम्प के पास ही मजदूर लगाकर ओबी का पत्थर कटिंग कर ऊंचे दामों में बेचा जा रहा है। एक सौ ट्रैक्टर से अधिक पत्थर बेचा जा चुका है। पत्थर बेच करीब पांच लाख रूपये का वारा न्यारा किया गया है। जबकि बिना इजाजत कोयला तो दूर की बात एक पत्थर भी लेकर नहीं जा सकते हैं।