झारखण्ड में कोरोना की रफ्ता हुई तेज ,
24 घंटे में सामने आये 753 नए मरीज ,
झारखंड में अब कोरोना बेकाबू होने लगा है। शुक्रवार को राज्य में कोरोना के 753 नए केस मिले हैं। इसमें 620 केस मात्र 6 जिले रांची (327), जमशेदपुर (74), कोडरमा (63), धनबाद (61), बोकारो (49) और हजारीबाग (46) से मिले हैं।
झारखंड में कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार से केंद्र सरकार चिंतित है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह को पत्र लिखकर राज्य में कोरोना मरीजों की बढ़ती रफ्तार की ओर ध्यान दिलाते हुए सख्ती बढ़ाने का आदेश दिया है। साथ ही अविलंब संक्रमण रोधी उपायों के साथ जिला स्तर पर इलाज के बेहतर इंतजाम सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
केंद्रीय सचिव ने पत्र में कहा है, ‘झारखंड में खासकर रांची में संक्रमण की रफ्तार में बहुत तेज है। मरीजों की पहचान देर से होने पर मौत की दर बढ़ सकती है। इसलिए जांच बढ़ाने के साथ-साथ कोविड प्रोटोकॉल (मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, हैंड सेनेटाइजेशन) का पालन सुनिश्चित करें और लोगों को जागरूक करें।’
आंकड़ों के अनुसार, राज्य में संक्रमण दर पिछले 11 दिनों की तुलना में 2.38 प्रतिशत बढ़कर 2.46 प्रतिशत पर पहुंच गई है। कुल एक्टिव केस करीब 2100 हो गए हैं। यहां औसतन रोजाना 30,500 सैंपल की जांच हो रही है। अगर जांच और संक्रमण दर की यही रफ्तार रही तो संक्रमण दर बढ़कर 7.21 प्रतिशत पर पहुंच सकती है। यानी जनवरी के अंतिम सप्ताह तक रोज करीब 2500 मरीज मिल सकते हैं। हालांकि, अच्छी बात यह है कि ज्यादातर मरीजों को अस्पताल नहीं जाना पड़ रहा है। अब तक महज 10 प्रतिशत मरीज ही अस्पताल में भर्ती हैं। उनमें भी ज्यादातर में काफी हल्के लक्षण हैं।
सभी पॉजिटिव सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग कराएं
केंद्रीय सचिव ने अपने पूर्व के पत्र का हवाला देते हुए कहा है, ‘भारत में भी ओमिक्रॉन के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। कोरोना के इस नए किस्म के वायरस के प्रसार को रोकने, संक्रमण से बचाव और नियंत्रण के मद्देनजर राज्य में सतर्कता बढ़ाने की जरूरत है। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की जांच, उभरते हॉट स्पॉट की नियमित सघन मॉनिटरिंग, सभी पॉजिटिव की कांटैक्ट ट्रेसिंग एवं 14 दिनों तक फॉलोअप करने के साथ ही सभी पॉजिटिव सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग कराने का निर्देश दिया है।’
बच्चों के इलाज का करें इंतजाम
केंद्रीय सचिव ने राज्य में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए स्वास्थ्य संसाधनों की समीक्षा करने को कहा है। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों एवं बच्चों के इलाज की व्यवस्था पर भी ध्यान देने का निर्देश दिया है। इसके तहत अस्पतालों में बेड, दवा, ऑक्सीजन, पीएसए प्लांट, मैनपावर की उपलब्धता सुनिश्चित करने को लेकर जरूरी कार्रवाई करने को कहा गया है।