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भारतीय भाषा दिवस पर सरस्वती शिशु विद्या मंदिर बरगंडा में सोमवार को तमिल कवि सुब्रमण्यम भारती की 141वीं जयंती मनाई गई।प्रभारी प्रधानाचार्य राजीव सिन्हा

भारतीय भाषा दिवस पर सरस्वती शिशु विद्या मंदिर बरगंडा में सोमवार को तमिल कवि सुब्रमण्यम भारती की 141वीं जयंती मनाई गई।प्रभारी प्रधानाचार्य राजीव सिन्हा

 

भारतीय भाषा दिवस पर सरस्वती शिशु विद्या मंदिर बरगंडा में सोमवार को तमिल कवि सुब्रमण्यम भारती की 141वीं जयंती मनाई गई।प्रभारी प्रधानाचार्य राजीव सिन्हा

गिरिडीह, मनोज कुमार।

गिरिडीह: भारतीय भाषा दिवस पर सरस्वती शिशु विद्या मंदिर बरगंडा में सोमवार को तमिल कवि सुब्रमण्यम भारती की 141वीं जयंती मनाई गई।प्रभारी प्रधानाचार्य राजीव सिन्हा

ने सुब्रमण्यम भारती जी के चित्र के समक्ष दीप जलाकर पुष्प अर्पित किया। बच्चों ने भी उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।राजीव सिन्हा ने कहा कि उनका का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था।बचपन से ही ये कुशाग्र बुद्धि के थे।इन्होंने तमिल के अलावा कई भारतीय भाषाओं में रचना की है।आज तमिलनाडु में उनका घर भारतीय ईलम के नाम से जाना जाता है।

मौके पर राजेंद्र लाल बरनवाल ने कहा कि सुब्रमण्यम भारती महाकवि भारतियार के नाम से भी जाने जाते हैं। उनकी कविताओं में राष्ट्रभक्ति कूट-कूट कर भरी हुई थी। वह कवि होने के साथ-साथ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में शामिल सेनानी,समाज सुधारक, पत्रकार तथा उत्तर व दक्षिण भारत के मध्य एकता सेतु के समान थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में समस्त आचार्य दीदी जी की भूमिका सराहनीय रही।

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