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हजारीबाग की ऐतिहासिक रामनवमी शोभायात्रा 2023: धर्म, भक्ति, आस्था, परंपरा और संस्कृति का हुआ अद्भुत मिलाप, हजारीबाग वासियों ने पेश किया भाईचारगी और सामाजिक सौहार्द का मिसाल

हजारीबाग की ऐतिहासिक रामनवमी शोभायात्रा 2023: धर्म, भक्ति, आस्था, परंपरा और संस्कृति का हुआ अद्भुत मिलाप, हजारीबाग वासियों ने पेश किया भाईचारगी और सामाजिक सौहार्द का मिसाल

हजारीबाग की ऐतिहासिक रामनवमी शोभायात्रा 2023: धर्म, भक्ति, आस्था, परंपरा और संस्कृति का हुआ अद्भुत मिलाप, हजारीबाग वासियों ने पेश किया भाईचारगी और सामाजिक सौहार्द का मिसाल

 

हजारीबाग: पिछले एक दशक का सबसे भव्य रामनवमी शोभा यात्रा का साक्षी बना हजारीबाग। ऐसे तो प्रत्येक वर्ष हजारीबाग में ऐतिहासिक रामनवमी शोभा यात्रा पूरे जोश और उमंग के साथ राम भक्तों द्वारा निकाला जाता है लेकिन वर्तमान वर्ष यानी साल 2023 में सड़कों पर उतरा विशाल जनसैलाब यह बताने को काफी था कि हजारीबाग की रामनवमी किसी लोकउत्सव से कम नहीं है। यहां का बच्चा-बूढ़ा, नौजवान, महिला- पुरुष सभी रामधुन में थिरकते नजर आए। रामनवमी शोभा यात्रा के दौरान भगवान श्री राम के प्रति जहां सड़क पर अटूट भक्ति दिखी वहीं सनातन धर्म के प्रति लोगों की आस्था उमड़ पड़ी। सनातन धर्म की पुरातन संस्कृति और सभ्यता को यहां जीवंत किया गया तो परंपरागत कला- कौशल का भी हैरत अंग्रेज प्रदर्शन किया गया। शोभायात्रा के दौरान एक भारत- श्रेष्ठ भारत की अभूतपूर्व झलक दिखी और सभी जाति धर्म के लोग एक मंच पर आकर एकता, भाईचारगी और सामाजिक सौहार्द का मिसाल पेश करते दिखे। समाज के ज्वलंत मुद्दे, सामाजिक कुरीति, देश के बदलते मिजाज के अनुरूप राजनीतिक मांग, सनातन देवी- देवताओं की महत्ता और देश प्रेम को जागृत करता झांकियों का कारवां और हर झांकियों के साथ विभिन्न अखाड़ों के राम भक्त तासे की तड़तडाहट और नुक्कड़ों के शोर पर अनवरत थिरकते हुए मुख से सिर्फ जय श्री राम की गूंज से वातावरण को गुंजायमान कर रहे थे। रामनवमी रूट पर झांकियों के परिचालन के दौरान धर्म और आस्था के साथ देशभक्ति का भी भाव राम भक्तों पर खूब दिखा। कभी देशभक्ति गीतों पर झूमते नजर आए तो कभी राष्ट्रगान बजा कर अपने राष्ट्रप्रेम का उद्धार किया और पूरे शहर को ठहर जाने को विवस कर दिया ।

रामनवमी तो अनेकों जगह मनाया जाता है लेकिन जब रामनवमी का त्यौहार सारे जगह समाप्त होता है तब हजारीबाग में शुरू होता है। यहां की सड़कें करीब 72 घंटे तक राम भक्तों के चहलकदमी से गुलजार रहती है। राम नवमी हजारीबाग के स्मिता और सम्मान से जुड़ा त्यौहार है। यहां के हरेक जन में रामनवमी आने से पूर्व ही स्वतः एक असीम ऊर्जा का संचार होता है। युवा वर्ष में धर्म के कार्य के प्रति गजब का उत्साह और जुनून देखने को मिलता है। निश्चित रूप से हजारीबाग की रामनवमी भगवान राम के पूजन उत्सव के साथ उनके प्रति अटूट श्रद्धा को व्यक्त करता ही है साथ ही हिंदुत्व जागरण का भी एक बड़ा मध्यम है ।

 

हजारीबाग की ऐतिहासिक रामनवमी को जब से हजारीबाग सदर के विधायक मनीष जायसवाल बने हैं तब से इसे सजाने, संवारने और इसकी प्राचीन स्वरूप व स्मिता के वैभव को बढ़ाने का अप्रतिम कार्य किए हैं। पहले विधायक मनीष जायसवाल के प्रयास से ही साल 2016 और 2018 में राम भक्तों के ऊपर राज्य सरकार के द्वारा हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा कराया गया। जिसके बाद 2 वर्ष यानी साल 2020 और 2021 कोरोना काल का शिकार हुआ। साल 2022 में जब कोविड गाइडलाइन को लेकर सरकार ने रामनवमी जुलूस पर पाबंदी लगाने का फरमान जारी किया तो विधायक मनीष जायसवाल ने इसका पुरजोर विरोध सड़क से लेकर सदन तक किया अततः उनके प्रयासों का ही नतीजा हुआ की कुछ दिशा निर्देश के साथ रामनवमी का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। साल 2022 में विधायक मनीष जायसवाल ने हजारीबाग के राम भक्त युवाओं में उत्साह भरने और उन्हें शारीरिक एवं चारित्रिक रूप से मजबूत बनाने को लेकर सभी अखाड़ों में पहुंचकर हौसलाअफजाई किया था और परंपरागत कला प्रदर्शन बरकरार रह सके इसलिए पारंपरिक हथियार लाठी, तलवार और भगवा झंडा भेंट किया था। वर्तमान साल 2023 में भी जब सरकार और प्रशासनिक बंदिशे रामनवमी को लेकर दिखी तो सजग प्रहरी बनकर विधायक मनीष जायसवाल ने सड़क से लेकर सदन तक हर मोर्चे पर पुरजोर विरोध किया और मुखरता से राम भक्तों की आवाज बने। हजारीबाग की रामनवमी की स्मिता और स्वरूप को बरकरार रखने के लिए विधायक मनीष जायसवाल इतने उग्र हुए कि सदन के अंदर अपना कुर्ता फाड़कर विरोध किया। रामभक्तों के बीच इस बार भी उन्होंने बड़ी संख्या में पारंपरिक हथियार लाठी और तलवार का वितरण किया और सभी से सौहार्दपूर्ण वातावरण में नशा मुक्त होकर रामनवमी मनाने का अपील किया। चलंत डीजे पर पाबंदी होने के कारण विधायक मनीष जायसवाल ने अपनी सेवा कार्यालय के बाहर डीजे स्थापित कराया ताकि रामधुन पर रामभक्त खुलकर झूम सकें ।

हजारीबाग की ख्यातिपूर्ण रामनवमी को एक बार फिर सपलीभूत बनाकर हजारीबाग के जन-जन और कण- कण में जय श्रीराम का गुंजायमान करके हजारीबाग वासियों ने यह साबित कर दिया कि यहां की रामनवमी इंटरनेशनल है और हम सामाजिक एकता और सौहार्द के प्रतीक हैं। हम धर्म सनातन के ध्वजावाहक हैं और हम अपनी परंपरा को कायम रखने में विश्वास रखते हैं ।

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