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स्थानीय नीति का आधार 1932 खतियान झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति के बैनर तले दिनांक 28/12/2023को गढ़वा नामधारी सिंह कॉलेज के समीप जिलास्तरीय बैठक आयोजित किया गया 

स्थानीय नीति का आधार 1932 खतियान झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति के बैनर तले दिनांक 28/12/2023को गढ़वा नामधारी सिंह कॉलेज के समीप जिलास्तरीय बैठक आयोजित किया गया 

स्थानीय नीति का आधार 1932 खतियान झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति के बैनर तले दिनांक 28/12/2023को गढ़वा नामधारी सिंह कॉलेज के समीप जिलास्तरीय बैठक आयोजित किया गया 

जिसमें झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति एवं झारखंड स्टेट स्टुडेंट युनिनयन के क्रांतिकारी छात्र नेता गढ़वा से कमलेश चौधरी उर्फ कमलेश अकेला ने बैठक का संचालन किया ।

मुख्य रुप से कमिटी विस्तार के लिए बैठक आयोजित किया गया था।

जिसमें पलामू जिला अंतर्गत विश्रामपुर प्रखंड एवं भंडरिया प्रखंड तथा गढ़वा जिले से रंका रमकण्डा चीनिया गढ़वा और भवनाथपुर विधानसभा से सक्रिय सदस्य शामिल हुए बैठक में स्थानीय नीति नियोजन नीति विस्थापन नीति एवं उद्योग नीति एवं स्वास्थ्य शिक्षा से लचर नीति के सुधार पर चर्चा हुई प्रखंड कमिटी विस्तार पर रणनीति तैयार हुआ

जिसमें उपस्थित कमलेश चौधरी उर्फ कमलेश अकेला विकास पासवान ब्रजेश सिंह शिवलाल सिंह शौरभ कुमार अजीत सिंह विकास कुमार एवं अन्य साथी शामिल हुए

बैठक में कमलेश चौधरी उर्फ कमलेश अकेला ने कहा कि झारखंड का गढ़वा जिला एक ऐसा जिला है जहां बाहर से आकर विधायक बन जाते हैं लेकिन चार साल में

ग्रामीण स्तर पर चार काम नहीं कर पाते हैं।

ऊपर से कोर्ट कचहरी ब्लॉक में भ्रष्टाचार चरम पर है।

यहां के आदिवासी मुलवासी के जमीन का पुख्ता दस्तावेज को मिटाकर ऑनलाइन के नाम पर पुंजीपति के नाम किया जा रहा है पुरे गढ़वा जिला में सैकड़ों केश मिला है केवल यहां के जनप्रतिनिधि केंद्र के योजनाओं पर फोटो खिंचवा के चुनावी प्रचार प्रसार सरकारी अधिकारियों से करवा रहे हैं

वहीं वर्तमान में गढ़वा जिले में गृह रक्षा का जिक्र करते हुए लगभग 5000 पुलिस बहाली में गढ़वा जिले में शीट शुन्य करने एवं जिला रोस्टर में obc रिजर्वेशन शुन्य करने का भी बिरोध जताया

वहीं

 

विकास पासवान जी ने कहा कि आदरणीय टाईगर जयराम दादा की सरकार आयेगा तो शिक्षा स्वास्थ्य को बेहतर करने का प्रयास करेगा

वहीं बैठक में शामिल सभी सदस्यों ने पुरे 81 विधानसभा सीट पर बेरोजगार छात्रों को चुनाव लड़वाने का भी समर्थन दिया।

भवनाथपुर विधानसभा क्षेत्र में शिक्षा ,स्वास्थय, रोजगार और पलायन पर बिल्कुल भी पहल नहीं किया जा रहा है। यहां के बेरोजार युवाओं की ब्यथा को कोई सुनने समझने वाला नही है। यहां आप देखेगे की आय का कोई साधन नहीं है प्रतिदिन यहां के युवा दिल्ली, मुंबई कोलकाता और गुजरात के लिए पलायन कर रहे हैं। अंततः आपको सुनने में मिलेगा की यहां से मजदूर का शव आ रहा है।

मैं बता रहा हूं। की भवनाथपुर बिधानसभा क्षेत्र के हर महीने करीब 4 से 6 मजदूर का शव बाहर से आता है। जबकि भवनाथपुर हमारा अधोगिकी नगरी के रूप में जाना जाता हैं। यहां कभी एशिया का सबसे बड़ा क्रेशर प्लांट हुआ करता था। आज यहां हजारों एकड़ सेल के जमीन पड़ा हुआ है। और यहां के विस्थापित परिवार है। उनलोगो का कोई मुआवजा राशि नही मिला और स्थानीय विधायक और सांसद महोदय जी भी चुपी साधने का कार्य कार रहे है। यह कतई बर्दाश करने का विषय नहीं है।

 

शिवपारस बियार

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