श्री श्याम मनुहार महोत्सव ऐतिहासिक रूप से हुआ संपन्न ….
51 दिनों के पदयात्रा के बाद पहली बार हजारीबाग झारखंड में संजय मित्तल ने किया भजन कीर्तन।
श्री श्याम मनुहार महोत्सव ऐतिहासिक रूप से हुआ संपन्न ….
जय श्री श्याम के जयकारों से गूंज उठा हजारीबाग ….
क्यों घबराऊँ मैं ……. मेरा तो श्याम से नाता है …….. संजय मित्तल ….
51 दिनों के पदयात्रा के बाद पहली बार हजारीबाग झारखंड में संजय मित्तल ने किया भजन कीर्तन।
हजारीबाग: शहर में भक्ति भाव का माहौल हर तरफ देखने को मिल रहा है. भक्तों के द्वारा आस्था को लेकर विभिन्न प्रकार का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है इसी कार्यक्रम के बीच हजारीबाग शहर के मुनका बगीचा प्रांगण में श्री श्याम अरदास कीर्तन परिवार के द्वारा एकदिवसीय द्वितीय श्री श्याम मनुहार महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। आयोजन की शुरुआत सर्वप्रथम बाबा श्याम की पूजा अर्चना के साथ हुई। बाबा श्याम की पूजा अर्चना श्री राणी सती मंदिर के प्रधान पुजारी शशिकांत मिश्रा के द्वारा विधिवत रूप से पूजा अर्चना कराई गई।पूजा अर्चना के उपरांत बाबा की आरती के साथ भव्य कार्यक्रम की शुरुआत की गई।
कार्यक्रम में सर्वप्रथम स्थानीय कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से श्याम भक्तों को रिझाया। इसके बाद विभिन्न मंडल के सदस्यों ने बारंबार भजन प्रस्तुत किया। इसके बाद बाहर से आए कलाकारों में लव अग्रवाल, मंडल के सदस्य रोहित शर्मा एवं कृष्णा अग्रवाल जिनकी उम्र महज 16 वर्ष है इन्होंने अपनी प्रस्तुति श्याम भक्तों के समक्ष रखा।
इसके बाद हर एक श्याम प्रेमी के दिलों में एक अलग जगह स्थापित करने वाले सुप्रसिद्ध भजन गायक संजय मित्तल ने अपनी प्रस्तुति से श्याम प्रेमियों को रिझाया। बताया जाता है कि संजय मित्तल कश्मीर से खाटू धाम की पदयात्रा 51 दिनों में समाप्त किया जिसके बाद उनकी हजारीबाग की पावन धरती पर पहली बार भजन संध्या आयोजित की गई। श्याम भक्त संजय मित्तल को कंठ करिश्मा के नाम से पुकारते हैं कहा जाता है कि उनके कंठ में मां सरस्वती सदैव विराजमान है। उनकी प्रस्तुति से पंडाल परिसर में बैठे हर एक श्याम भक्त झूम उठे, संजय मित्तल ने सबसे पहले गणेश वंदना के साथ भजन की शुरुआत की जिसके बाद उन्होंने
हनुमान जी, भोले बाबा सहित अन्य देवी देवताओं के भजन गाते हुए उन्होंने समस्त श्याम प्रेमियों को देर रात तक झुमाया। संजय मित्तल ने बाबा श्याम के भजनों में लड़खड़ा जो मै जाऊँ कहीं…… तुम संभालोगे विश्वास है, क्यों घबराऊँ मैं ….. मेरा तो श्याम से नाता है ऐसे अनेकों भजन बाबा श्याम का उन्होंने प्रस्तुत किया।
भव्य भजन संध्या के दौरान बाबा श्याम का अखंड ज्योत, इत्र की वर्षा, फूलों की होली, मनोहारी श्रृंगार, सवामणि, छप्पन भोग एवं महाभोग का आयोजन किया गया, बाबा श्याम के दरबार के समक्ष अलौकिक झांकी के रूप में श्री कृष्ण के जन्म उत्सव अर्थात जन्माष्टमी की झांकी पर आधारित था दरबार।
भजन संध्या में झारखंड की समस्त मंडल को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया भव्य भंजन संध्या का लाइव टेलीकास्ट 35M पर किया जा रहा था।
भजन संध्या में रांची, कोलकाता के साउंड सिस्टम एवं दिल्ली के म्यूजिशियन अपनी प्रस्तुति दे रहे थे, इस कार्यक्रम में श्री श्याम परिवार तुलसी धाम कोलकाता का विशेष आशीर्वाद प्राप्त हुआ,श्री श्याम अरदास कीर्तन परिवार रामगढ़ कैंट का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ, कोलकाता के दो सबसे पुराने एवं सुप्रसिद्ध मंडल श्री श्याम मित्र मंडल कोलकाता एवं श्री श्याम कला भवन कोलकाता को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था जिन्होंने कार्यक्रम में शामिल होकर कार्यक्रम को चार चांद लगाया।
वही कार्यक्रम में मौजूद हुए हजारीबाग शहर के सभी गणमान्य लोगों को आयोजन मंडली के द्वारा दुपट्टा उड़ा कर स्वागत किया गया। भजन संध्या की समाप्ति के उपरांत बाबा श्याम के भव्य आरती के बाद भव्य द्वितीय श्री श्याम मनुहार महोत्सव संपन्न हुआ।
मौके पर आयोजक मंडली ने कहा कि बाबा श्याम, कोलकाता रामगढ़ समेत झारखंड के विभिन्न जिलों से आए मंडल के सदस्य गण एवं हजारीबाग के श्याम प्रेमियों के आशीर्वाद से कार्यक्रम ऐतिहासिक रूप से संपन्न हुआ। हम विशेष धन्यवाद देते हैं संजय मित्तल एवं उनकी टीम का जिन्होंने हजारीबाग की धरती को श्याम मय कर दिया।