शिक्षक दिवस के शुभ अवसर पर रोटरी गिरिडीह द्वारा रोटरी नेत्र चिकित्सालय गिरिडीह स्थित रोटरी सभागार में एक शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया
शिक्षक दिवस के शुभ अवसर पर रोटरी गिरिडीह द्वारा रोटरी नेत्र चिकित्सालय गिरिडीह स्थित रोटरी सभागार में एक शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया
शिक्षक दिवस के शुभ अवसर पर रोटरी गिरिडीह द्वारा रोटरी नेत्र चिकित्सालय गिरिडीह स्थित रोटरी सभागार में एक शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया
गिरिडीह, मनोज कुमार।
गिरिडीह : 5 सितंबर शिक्षक दिवस के शुभ अवसर पर रोटरी गिरिडीह द्वारा रोटरी नेत्र चिकित्सालय गिरिडीह स्थित रोटरी सभागार में एक शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया जिसमें गिरिडीह के विभिन्न शिक्षक संस्थानों से जुड़े शिक्षा एवं कला के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाने वाले 6 शिक्षकों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान से की गई,तत्पश्चात अथिति के रूप में उपस्थित शिक्षकों को पुष्पगुच्छ दे कर उनका अभिवादन किया गया। उसके बाद क्लब के सदस्यों के द्वारा उपस्थित शिक्षकों के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए उनके द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए गए महत्वपूर्ण कार्यों की जानकारी दी गई।
उसके बाद सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के शिक्षक श्री राजीव कुमार सिंहा,बंगला बालिका मध्य विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती एकता प्रेरणा,सुभाष इंश्च्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्राचार्य कौशल हंसराज,राम कृष्ण महिला महाविद्यालय की शिक्षिका सुश्री रेणुका कुमारी,स्मार्ट एकादमी की कला की शिक्षिका प्रीति भाष्कर एवं नेत्रहीन विद्यालय अजीडीह के नेत्रहीन शिक्षक श्री रवि कुमार को शॉल ओढ़ाकर एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
उसके बाद उपस्थित सम्मानित शिक्षकों ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रोटरी गिरिडीह के क्लब के सभी सदस्यों को इस सम्मान के लिए धन्यवाद दिया एवं सभी को शिक्षा से संबंधित कई महत्वपूर्ण जानकारियां दीं,बताया गया कि एक बच्चे का प्रथम शिक्षक अपने माता पिता होते हैं,बड़ों के आदत एवं व्याहार को बच्चे बहुत ही जल्द अपनाते हैं,चाहे स्कूल हो या घर जो बड़े अच्छे या बुरे जो व्यवहार करते हैं बच्चे उनको अपना लेते हैं,इसलिए हमें बच्चों के सामने गलत बोल चाल नहीं करना चाहिए,उसके बाद सभी शिक्षकों द्वारा केक काटकर एक दूसरे को शिक्षक दिवस की बधाईयां दीं।
इस कार्यक्रम के सफल आयोजन में रोटरी गिरिडीह के अध्यक्ष मनीष तर्वे,सचिव आशीष तर्वे,कार्यक्रम संयोजक मनीष बरणवाल,राजेंद्र बगड़िया, लक्खीप्रसाद गौरीसरिया,देवेंद्र सिंह, डॉ०मो०आजाद, डॉ राम रतन केडिया, डॉ विनय गुप्ता,प्रदीप डालमिया,शंभू जैन,प्रदीप जैन,अमित गुप्ता,नरेंद्र सिंह,मयंक राजगढ़िया,दिलीप जैन,जगजीत कौर,उत्तम दत्ता,प्रशांत बगड़िया, डॉ तारकनाथ देव,भूपेंद्र सिंह ,मंजीत सिंह इत्यादि की अहम भूमिका रही।