पूरे देश में पहली बार झारखंड में वितरित किये गये फॉरेस्ट स्वायल हेल्थ कार्ड
पर्यावरण को बचाने हेतु कई सकारात्मक कदम उठाये जा रहेः श्री एल॰ ख्यांगते
• पूरे देश में पहली बार झारखंड में वितरित किये गये फॉरेस्ट स्वायल हेल्थ कार्ड
• पर्यावरण को बचाने हेतु कई सकारात्मक कदम उठाये जा रहेः श्री एल॰ ख्यांगते
• वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अपर मुख्य सचिव ने विश्व मृदा दिवस पर आयोजित सेमिनार को किया संबोधित
रांची:ब्यूरो रिपोर्ट
झारखंड/रांची: आज हमारी पृथ्वी का भू-क्षरण एवं मृदा की उपजाऊ क्षमता का तेजी से हृास होता जा रहा है। साथ ही दिन ब दिन हरियाली कम होती जा रही है एवं उपजाऊ धरती सिकुड़ रही है। आज सम्पूर्ण विश्व धरती के इस मृदा अपरदन एवं बढ़ते मिट्टी कटाव से काफी चिंतित है। झारखण्ड का वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग भी धरती की इस विषम परिस्थिति से चिंतित है एवं सारी दुनिया के साथ इस भू-संरक्षण एवं मृदा संरक्षण हेतु जन-जागृति पैदा करने के लिये प्रयत्नशील है। उन्होंने बताया कि पूरे देश में पहली बार झारखंड में सभी वन प्रमंडल पदाधिकारियों को फॉरेस्ट स्वायल हेल्थ कार्ड (FOREST Soil Health Card ) का वितरण किया गया है। उक्त बाते वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री एल॰ ख्यांगते ने विश्व मृदा दिवस के अवसर पर आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए कही।
बता दें कि वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा सोमवार को समान्य जन में जन-जागृति बढ़ाने हेतु बी॰एन॰आर॰ चाणक्या होटल में विश्व मृदा दिवस के अवसर पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया था। इस मौके पर श्री ख्यांगते ने कहा कि विभाग द्वारा पर्यावरण को बचाने हेतु कई सकारात्मक कदम उठाये जा रहे है।
बैठक में डॉ॰ संजय श्रीवास्तव, भा॰व॰से॰, प्रधान मुख्य वन संरक्षक-एवं-वन बल प्रमुख, झारखण्ड, श्री कुलवंत सिंह, भा॰व॰से॰, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, अनुसंधान एवं प्रशिक्षण, राँची, श्रीमती दिक्षा प्रसाद, भा॰व॰से॰, मुख्य वन संरक्षक, प्रशिक्षण, राँची, श्रीमती शैलजा सिंह, भा॰व॰से॰, सदस्य सचिव, जैव विविधता पर्षद, झारखण्ड, राँची, डॉ नितिन कुलकर्णी, आई॰एफ॰पी॰ निदेशक, श्रीमती अंजना तिक्री, भा॰व॰से॰, श्री सिद्धार्थ त्रिपाठी, भा॰व॰से॰, मुख्य वन संरक्षक, अनुसंधान, राँची, श्री विजय शंकर दुबे, भा॰व॰से॰, उप वन संरक्षक, प्रशिक्षण, राँची, डॉ अंशु माली, आई॰आई॰टी॰ (आई॰एस॰एम॰), धनबाद, डॉ वी॰पी॰ पांवर, एफ॰आर॰आई॰, देहरादून, श्री अमरेश बिहारी झा, सी॰ई॰ओ॰, एस॰ए॰आर॰डी॰, पटना एवं डॉ एन॰ बाला, एफ॰आर॰आई॰, देहरादून तथा अन्य मुख्य वन संरक्षक एवं अन्य वरीय पदाधिकारीगण उपस्थित थे।