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दोबारा हार्ट अटैक आए मरीज़ को डीएम कार्डियोलॉजिस्ट डॉ.मृणाल कुंज ने आपातकालीन स्थिति में स्टेंट लगाकर ब्लॉकेज को किया रिमूव, मिली नई जिंदगी

कैथलैब स्थापित करने का मकसद हो रहा है कामयाब, आयुष्मान भारत योजना का भी मिल रहा है लाभ - हर्ष अजमेरा

बड़े महानगरों की तर्ज पर हजारीबाग में एचजेडबी आरोग्यम सुपरस्पेशलिटी में स्थापित कैथ लैब शुरू होने के बाद से ही निरंतर हार्ट अटैक के मरीजों के लिए जीवनदायिनी बन कर उभरा है। हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी विभाग के अनुभवी और विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम लगातार अपनी शत- प्रतिशत क्षमता का बेहतर प्रदर्शन कर मरीजों के जीवनरक्षा के साथ नया इतिहास रच रहे हैं। पिछले 10 फरवरी को दारू प्रखंड के झुमरा गांव निवासी 59 वर्षीय राम नारायण राम को दोबारा हार्ट अटैक आने पर उनके परिजन गंभीर स्थिति में इलाज़ के लिए आरोग्यम हॉस्पिटल लेकर आए। यहां मरीज को आरोग्यम हॉस्पिटल के डीएम कार्डियोलॉजिस्ट डॉ.मृणाल कुंज ने जांच किया और तुरंत एंजियोग्राफी करने के बाद दो स्टेंट लगाकर मरीज के हार्ट के ब्लॉकेज को रिमूव किया और मरीज की जान बचाई। मरीज का इससे पहले भी साल 2014 में हार्ट अटैक आया था। इस बार अटैक आने के बाद मरीज़ गंभीर हो गया था और स्थिति बेहद खराब थी। लेकिन आरोग्यम हॉस्पिटल के कैथ लैब में डीएम कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. मृणाल कुंज, डॉ.रवि रंजन और कैथ लैब कर्मी ए.के.गौतम, राजेश कुमार और नीतू कुमारी ने स्टेंट लगने के बाद लगातार 10 दिनों तक यहां भर्ती रखकर मरीज का विशेष ख्याल रखा और पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद भर्ती मरीज को घर जाने के लिए छुट्टी कर दी गई। मरीज का संपूर्ण इलाज आयुष्मान भारत योजना के तहत किया गया ।

आरोग्यम हॉस्पिटल के निदेशक हर्ष अजमेरा ने बताया कि हजारीबाग में कैथ लैब स्थापित करने का हमारा मकसद कामयाब हो रहा है और लोगों को आयुष्मान भारत योजना का भी लाभ मिल रहा है। हर्ष अजमेरा ने कार्डियोलॉजी विभाग के पूरी टीम को बेहतर कार्य के लिए बधाई दिया और आगे ओर भी बेहतर प्रदर्शन करने को प्रोत्साहित किया ।

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