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दहेज जैसी कुप्रथा को समाज से उखाड़ फेंके तभी होगा समाज संपन्न :- बलियावी 

इस्लाही कॉन्फ्रेंस में उल्लेमाओं ने शिक्षा और अपने हुकूक के विषय में विशेष रूप से किया चर्चा

दहेज जैसी कुप्रथा को समाज से उखाड़ फेंके तभी होगा समाज संपन्न :- बलियावी 

इस्लाही कॉन्फ्रेंस में उल्लेमाओं ने शिक्षा और अपने हुकूक के विषय में विशेष रूप से किया चर्चा

बरही : शोएब अख्तर 

हजारीबाग/बरही : बरही कोनरा कर्बला मैदान में 18 जनवरी बुधवार को इदार- ए – शरिया तरीक – ए-बेदारी व इसलाह-ए-मोआशरा कान्फ्रेंस का आयोजन किया गया। जिसमें अलग-अलग जिलों एवं गांव पंचायत से हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए इस। कांफ्रेंस की अध्यक्षता मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए पूर्व राज्यसभा सांसद गुलाम रसूल बलियावी एवं संचालन मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी रांची इदार- ए- शरिया के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में गुलाम रसूल बलियावी हूए। उन्होंने कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे समाज में दहेज जैसी प्रथा बहुत ही गंदी प्रथा है इस गंदी दहेज प्रथा को समाज से उखाड़ फेंकने की जरूरत है तभी हमारा समाज संपन्न होगा। आगे उन्होंने कहा कि हमारे समाज में शिक्षा की घोर कमी है इस कमी को हम सब मिलकर दूर करने का प्रयास कर रहे हैं यह कॉन्फ्रेंस इसी का एक रूप है। उन्होंने झारखंड सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि झारखंड सरकार अपने किए वादे को निभाने में असफल नजर आ रही है। हम उर्दू भाषियों को हाशिये पर लाने का काम किया जा रहा है। झारखंड राज्य के 22 वर्ष होने के बाद भी उर्दू शिक्षकों की बहाली नहीं हो पाई है। मदरसों को भी अभी तक अनुदानित नहीं किया गया है। सरकार केवल मुस्लिमों का वोट लेना जानती है।

उन्होंने आगे कहा कि आए दिन मुस्लिमों को मॉब लिंचिंग कर मौत के घाट उतार दिया जाता है इस पर सरकार को चाहिए कि जिस प्रकार हरिजन एक्ट बनाया गया है उसी प्रकार मुस्लिम एक्ट बनाकर मुस्लिमों को सुरक्षा प्रदान किया जाए। उन्होंने आगे और भी कहा कि हमें खैरात नहीं हमें अधिकार चाहिए। कॉन्फ्रेंस में आए सभी उल्लेमाओं ने समाज में शिक्षा और नैतिकता के बारे में अपना अपना विचार रखा। इस कॉन्फ्रेंस में मुख्य रूप से पूर्व राज्यसभा सांसद सह सदर मरकजी इदार – ए-शरिया मौलाना गुलाम रसूल बलियावी पटना बिहार, मुफ्ती डॉक्टर अमजद रजा अमजद काजिए शरीयत पटना, अल्लामा डॉक्टर ताजुद्दीन साहब रांची, अल्लामा नोमान अख्तर फैकुल जमाली नवादा बिहार, मुफ्ती गुलाम हुसैन सकाफी नायब काजीए शरीयत पटना, अल्लामा आसिफ इकबाल गिरिडीह, मुफ्ती अब्दुल जलील शाअदी काजीए शरीयत हजारीबाग, शायरे इस्लाम दिलबर शाही कोलकाता, शायरे इस्लाम दिलकश रॉचवि, शायरे इस्लाम मुस्ताक महशर रामगढ़, शायरे इस्लाम हबीबुल्लाह फैजी मधुपुर झारखंड, शायरे इस्लाम जफर अकील हजारीबाग, अहकरूल कादरी रांची, मोहिब रजा फैजी हजारीबाग एवं दिगर क्षेत्रीय ओलेमा शामिल हुए ।आयोजन कर्ता के रूप में मौलाना इस्लाम छोटकी बरही, जामा मस्जिद पेश इमाम मौलाना मुशर्रफुल कादरी मक्का मस्जिद पेश इमाम हाफिज व कारी अब्दुल कयूम, मदीना मस्जिद पेश इमाम हाफिज कलीम उद्दीन रिजवी, मौलाना रिजवान, हाफिज फिरोज, पूर्व जिप सदस्य प्रतिनिधि अल्पसंख्यक महासमिति अध्यक्ष बरही कयूम अंसारी, बरही प्रखंड बीस सूत्री अध्यक्ष इकबाल रजा, अल्पसंख्यक झारखंड प्रदेश सचिव रुस्तम अली, मोहम्मद शहाबुद्दीन, मोहम्मद रियाजुल हक मोहम्मद तौकीर रजा धमना, पप्पू सिद्दीकी बरही जामा मस्जिद सेक्रेटरी अब्दुल कयूम, बरही के तीनों मस्जिद कमेटी एवं बरही के तमाम मुसलमानों ने विशेष रुप से सहयोग किया।

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