जानिए क्यों कड़क समझे जाने वाले आईपीएस अधिकारी को मिला बिहार में डीजीपी का कमान
जानिए क्यों कड़क समझे जाने वाले आईपीएस अधिकारी को मिला बिहार में डीजीपी का कमान
जानिए क्यों कड़क समझे जाने वाले आईपीएस अधिकारी को मिला बिहार में डीजीपी का कमान
पटना: अनूप नारायण सिंह
बिहार: इसमें कोई दो राय नहीं की नीतीश कुमार अपने फैसलों से हर किसी को चौकाते है. बिहार मे जहरीली शराब से हुई मौतो के बीच नया डीजीपी कौन होगा इसको लेकर पुलिस महकमे से लेकर राजनीतिक हलको तक मे चर्चा थी. लेकिन किसी को यकीन नहीं था की वो नाम आर एस भट्ठी का होगा….इस फैसले ने एक बार फिर सभी को चौका दिया.क्योंकि आर एस भट्ठी कड़क मिजाज वाले अधिकारी के रूप मे अपनी पहचान रखते है. उन्हें ज्यादा सिफारिश भी पसंद नहीं. सिस्टम से काम करना पसंद है. फिर बड़ा सवाल की आखिर नीतीश की पसंद भट्ठी ही क्यों? तो आपको बता दे की कहीं न कहीं इसके पीछे छपरा जहरीली शराब कांड का होना एक बड़ी वजह है. क्योंकि जिस तरह से नीतीश सरकार निशाने पर है पुलिस महकमे को लेकर कई सवाल सवाल तो कई आरोप भी लग रहे थे. भट्ठी को डीजीपी बनाकर नीतीश कुमार ने एक मैसेज दिया है की अभी भी उनके लिए सुशासन प्राथमिकता है. लेकिन बड़ा सवाल की अब उन्हें कितनी छूट मिलती है. आपको बता दे की भट्टी की छवि एक कड़क अधिकारी की है। कहा जाता है कि उन्होंने शहाबुद्दीन, प्रभुनाथ सिंह, दिलीप कुमार सिंह जैसे बाहुबलियों के खिलाफ कार्रवाई करने के दौरान बिना किसी हिचकिचाहट के काम किया था। उन्होंने पटना के सिटी एसपी से लेकर सिवान, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज के एसपी के रूप मे काम कर चुके हैं. भट्ठी को इंकाउंटर स्पेशलिष्ट के रूप मे भी पहचान रही है. उन्होंने सीवान में डीआईजी के तौर पर काम करने का भी मौका मिला। भट्टी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के तहत 2 बार सीबीआई में भी रहे हैं और उन्होंने एयरपोर्ट ऑथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) में चीफ विजिलेंस ऑफिसर (CVO) के रूम में भी सेवाएं दी हैं।
फिलहाल बी एस एफ मे पूर्वी सीमांत के एडीजी के पद पर है. शनिवार को ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ कोलकाता मे कार्यक्रम मे हिस्सा लिया था.
हालांकि डीजीपी की रेस के लिए कई नामों की चर्चा थी. इसमें 1989 बैच के आईपीएस और डीजी प्रशिक्षण आलोक राज, 1990 बैच के आईपीएस एवं केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए आरएस भट्टी और 1990 बैच की आईपीएस और डीजी अग्निमशन एवं होमगार्ड सेवाएं शोभा ओहटकर का नाम चल रहा था. कयास लगाए जा रहे थे कि आलोक राज को बिहार के डीजीपी का प्रभार मिल सकता है. हालांकि रेस में 1988 बैच के आईपीएस मनमोहन सिंह का भी नाम शामिल हुआ था. अब रविवार को अगले आदेश तक के लिए आरएस भट्टी को बिहार के नए डीजीपी के तौर पर प्रतिनियुक्त किया गया है. कल 19 दिसंबर को एस के सिंघल का कार्यकाल पूरा होने के बाद बिहार महानिदेशक की कमान आरएस भट्टी ही संभालेंगे. हालांकि देखना होगा की आर एस भट्ठी अपनी इस नई भूमिका के साथ अपनी छवि के अनुसार आगे काम कर पाते है या पूर्व के लोगो की तरह ।