जात का गणित और पैसे की सेटिंग में उलझे उम्मीदवारों के बीच वीणा कुमारी ने तय कर ली है विनिंग कंबीनेशन
जात का गणित और पैसे की सेटिंग में उलझे उम्मीदवारों के बीच वीणा कुमारी ने तय कर ली है विनिंग कंबीनेशन
जात का गणित और पैसे की सेटिंग में उलझे उम्मीदवारों के बीच वीणा कुमारी ने तय कर ली है विनिंग कंबीनेशन
पटना: अनूप नारायण सिंह
पटना। अब यह तो साफ है कि पटना में चर्चित समाजसेवी डॉ अजय प्रकाश की पत्नी वीणा कुमारी जिन्हें भाजपा के जमीनी कार्यकर्ताओं का समर्थन पटना में प्राप्त है वार्ड 44 के निवर्तमान पार्षद व चर्चित बिल्डर सीतेश रमण की पत्नी माला सिन्हा जो कायस्थ बिरादरी के वोटों के ध्रुवीकरण में लगे हैं बड़े ठेकेदारों में गिने जाने वाले तथा राजपूत बिरादरी से आने वाले बिट्टू सिंह की पत्नी विनीता बिट्टू सिंह तथा पटना की वर्तमान में मेयर सीता साहू में से ही कोई एक चेहरा इस बार पटना का मेयर बनेगा।
पटना के शहरी इलाकों पर भाजपा का प्रभाव है और भाजपा का वोट बैंक स्वर्ण जातियों का ही जिसमें ब्राह्मण राजपूत भूमिहार कायस्थ तथा वैश्य की गोलबंदी है। पटना नगर निगम के अंतर्गत आने वाले चारों विधानसभा क्षेत्रों पर भाजपा का लंबे समय से कब्जा है। माना जाता है कि शिक्षित वोटरों का झुकाव शुरू से भाजपा के प्रति रहा है यही कारण है कि पटना शहरी क्षेत्र के सीटों पर कभी भी कोई दूसरे दल का उम्मीदवार चुनाव नहीं जीता है। पटना में मेयर पद प्रत्याशी के समर्थन के सवाल पर भाजपा दो गुटों में फटी हुई है पर सूत्र बताते हैं कि ज्यादातर कार्यकर्ता डॉ अजय प्रकाश की पत्नी वीणा कुमारी के पक्ष में है क्योंकि डॉक्टर अजय प्रकाश भाजपा के जमीनी कार्यकर्ता रहे हैं तथा पार्टी के संगठन और कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। सीता साहू को लेकर भाजपा के कार्यकर्ता उत्साहित इसलिए नहीं है कि उनके प्रति एंटी कॉम्बेंसी है मेयर रहते हुए सीता साहू ने पटना के लिए कोई ऐसा काम नहीं किया जिसके कारण लोग इस बार उसको वोट देंगे। डाक्टर अजय प्रकाश वैश्य समुदाय से आते हैं उन्हें भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का खुला आशीर्वाद प्राप्त हैं। विनीता बिट्टू सिंह राजपूत भूमिहार कंबीनेशन पर चुनाव लड़ रही है ब्राह्मणों का भी एक वर्ग उनके साथ नजर आ रहा है कायस्थ बिरादरी से आने वाली माला सिन्हा की निगाह छह लाख कायस्थ वोटों पर हैं पर कई सारे उम्मीदवार होने के कारण वोट बिखरता दिख रहा है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद यह साफ हो गया है कि 28 दिसंबर को पटना के 1725000 मतदाता अपने नए मेयर का चुनाव करेंगे और इन्हीं 4 चेहरों में से कोई एक पटना काम मेयर बनेगा ।