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चालकुशा में सद्भावना सत्संग से माहौल हुआ भक्तिमय

चालकुशा में सद्भावना सत्संग से माहौल हुआ भक्तिमय

चालकुशा में सद्भावना सत्संग से माहौल हुआ भक्तिमय

संवाददाता – मुन्ना यादव 

हजारीबाग :  हजारीबाग जिला के चलकुशा प्रखंड अंतर्गत ग्राम रसामी में मानव उत्थान सेवा समिति शाखा रांची के तत्वाधान में दिन गुरुवार को एक दिवसीय सत्संग का आयोजन किया गया। जिसमें मानव धर्म के प्रणेता सह राष्ट्रीय संत सदगुरु देव श्री सतपाल जी महाराज के आत्म अनुभवी संत अश्विनी बाई एवं नीति बाई झारखंड प्रदेश के विभिन्न सुदूरवर्ती क्षेत्रों में ज्ञान प्रचार करते हुए चलकुशा पंचायत के ग्राम रसानी में श्रीमती सुनीता देवी पति रामदेव यादव के घर पहुंचे और सर्वप्रथम मानव उत्थान सेवा समिति शाखा रांची द्वारा संचालित मिशन एजुकेशन के तहत उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय रसानी में सुनीता देवी पति रामदेव यादव के द्वारा महात्मा अश्विनी बाई एवं नीति बाई एवं विद्यालय के प्रधानाध्यापक दिनेश यादव एवं सहायक अध्यापक चंद्रदेव कुमार की उपस्थिति में 70 छात्र छात्राओं के बीच पाठ एवं शिक्षण सामग्री का वितरण किया गया। एवं कार्यक्रम की शुरुआत गुरुवंदना से हुई। कार्यक्रम का संचालन राजू यादव ने किया। उसके बाद विभिन्न धर्म शास्त्रों के आधार पर सहार समिति सत्संग विचार रखे। महात्मा अश्विनी बाई ने अपने उद्बोधन मे उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए बताया कि आज मानव समाज भौतिकता की चकाचौंध में अपने मूल स्वभाव को भूल गया है। समय-समय पर महापुरुष इस धरा धाम पर आते हैं और मानव समाज को आध्यात्मिक ज्ञान देकर उन्हें सन्मार्ग में लाने का प्रयास करते हैं।

आज मानव समुदाय अति भौतिकवादी हो गया है। जिसके कारण समाज में दुर्भावना व्याप्त हो गया है। आध्यात्मिक ज्ञान के अभाव में लोग मानव जीवन की सार्थकता को नहीं समझ पा रहे हैं। महात्मा नीति बाई ने लोगों को बताया कि मनुष्य को अपने मन मंदिर में भगवान का दर्शन करना चाहिए और शरीर रूपी मंदिर में भगवान का दर्शन कराने के लिए समय के सद्गुरु विधि बताते हैं।

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