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गिरिडीह के उत्सव उपवन रिसोर्ट में शुरू हुआ देश के नामी सर्जनों का तीन दिवसीय कान्फ्रेस, सर्जनों ने कहा झारखंड इलाज को लेकर अब भी पिछड़ा 

गिरिडीह के उत्सव उपवन रिसोर्ट में शुरू हुआ देश के नामी सर्जनों का तीन दिवसीय कान्फ्रेस, सर्जनों ने कहा झारखंड इलाज को लेकर अब भी पिछड़ा 

गिरिडीह के उत्सव उपवन रिसोर्ट में शुरू हुआ देश के नामी सर्जनों का तीन दिवसीय कान्फ्रेस, सर्जनों ने कहा झारखंड इलाज को लेकर अब भी पिछड़ा 

गिरिडीह, मनोज कुमार।

गिरिडीह :  उत्सव उपवन रिसोर्ट में देश के नामी गिरामी सर्जनों का जुटान तीन दिन के लिए कान्फ्रेस के लिए हुआ। जासिकोम ऑफ सर्जन झारखंड चैप्टर के 28 वा तीन दिवसीय वार्षिक कांफ्रेंस की शुरुवात हुई। इस तीन दिवसीय कांफ्रेंस की शुरुवात गणेश वंदना के साथ किया गया। लेकिन कांफ्रेंस में देश के कई नामी मेडिकल कॉलेज के टॉप सर्जन के साथ जूनियर प्रशिक्षु सर्जन शामिल हुए है। जासिकोम झारखंड चैप्टर गिरिडीह ब्रांच के डॉक्टर उत्तम जालान, डॉक्टर एसके डोकानियां, सरिया के डॉक्टर राजेश सिंह, डॉक्टर मोहम्मद आजाद, डॉक्टर विकास लाल, डॉक्टर नीरज डोकानियां के नेतृत्व में हो रहे इस तीन दिवसीय कांफ्रेंस में मध्य प्रदेश भोपाल के लेप्रोस्कॉर्पी सर्जन डॉक्टर संजय जैन, कोलकाता से संजय मंडल, हैदराबाद के अपोलो हॉस्पिटल से डॉक्टर सजीव खुलेब, दिल्ली के मैक्स अस्पताल से यूरोलॉजिस्ट सर्जन डॉक्टर पवन केशवरवानी, जयपुर से कैंसर सर्जन डॉक्टर भंवर लाल यादव और ब्रेस्ट कैंसर सर्जन डॉक्टर सुमेधा, डॉक्टर नम्रता और हजारीबाग से डॉक्टर सतवीर सिंह सलूजा समेत इस वार्षिक कांफ्रेंस में तीन सौ से अधिक सर्जन हिस्सा ले रहे है।

इस दौरान पहले दिन ही अलग अलग मेडिकल कॉलेज से आई ब्रेस्ट कैंसर सर्जन ने अपने अपने प्रजेंटेशन प्रोजेक्टर के जरिए दिया। वही उत्सव उपवन रिसोर्ट के दूसरे कान्फ्रेस हाल में जूनियर डॉक्टरों को नई तकनीक से सर्जरी की जानकारी दी जा रही थी।

इधर भोपाल से आए डॉक्टर संजय जैन ने पत्रकारों से बातचीत के क्रम में माना की अब भी झारखंड के कई हिस्सों में लोगो में जागरूकता का इतना अभाव है की वो बीमारी के अंतिम स्टेज में पहुंचने के बाद अपना इलाज शुरू कराते। जबकि नई तकनीक पर रिसर्च किया जा रहा है लोगो को नई तकनीक से सुविधा और बेहतर इलाज कैसे मिले।

और इसी दिशा में प्रयास चल रहा है। कहा कि बगैर सर्जरी के नई तकनीक से हर गंभीर बीमारी का इलाज कैसे हो, इस पर खास फोकस किया जा रहा है।

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