औद्योगिक नगरी की ओर बढ़ता बरही, रोजगार की बढ़ी संभावनाएं
युवा चाह रहे थे रोजगार, बदले में मिल रही है प्रदूषण
बरही संवाददाता
बरही :- बरही रियाडा- जियाडा अधिकृत भूमि पर विभिन्न कंपनियों द्वारा फैक्ट्री खोले जाने से बरही अब औद्योगिक नगरी में शामिल होने लगा है। जमशेदपुर, बोकारो जैसे शहरों में गिनती आने लगी है। बरही वासियों ने बदलता बरही, बढ़ता बरही का जो सपना देखा था वह सपना उद्योग स्थापित हो जाने से पूर्ण होता दिखाई दे रहा है। वर्तमान में रियाडा भूमि पर चार लोहा फैक्ट्रिय लोहा उत्पादन का कार्य कर रही है। वही एचपीसीएल गैस बोटलिंग प्लांट का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है, संभावना जताई जा रही हैं कि कुछ महीनों के अंदर बॉटलिंग का काम शुरू किया जाएगा। बता दें कि टाटा मोटर्स की भी एक यूनिट की स्थापना की गई है। ऐसी अन्य और भी छोटे छोटे उद्योगों की स्थापना होने की संभावनाएं हैं। जहां उद्योगों की स्थापना होने से रोजगार की संभावनाएं बढ़ी है। वही बरही के युवाओं में आशा जगी है के अब हमें रोजगार के लिए बड़े शहरों में जाने की जरूरत नहीं है। परंतु बरही के युवाओं का कहना है की हमने जो आशा किया था कि हमें रोजगार मिलेगी लेकिन हमें रोजगार से वंचित किया जा रहा है। इसी क्रम में कोनरा बरही के पूर्व मुखिया प्रत्याशी सिराज अली उर्फ चांद से जब पत्रकारों ने पूछा तो उन्होंने कहा कि हमसे हमारी जमीन जिस वादे के साथ लिया गया उस वादे पर कंपनी खरी नहीं उतर रही है। स्थानीय लोगों को ना तो रोजगार दिया जा रहा है और न ही कोई अन्य सुविधाएं प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि उद्योगों के स्थापित होने से बेरोजगारों में काफी खुशी हुई थी कि अब हमें रोजगार मिलेगी। लेकिन रोजगार तो ना के बराबर मिला अगर कुछ मिला तो केवल प्रदूषण। प्रदूषण इतना होता है के सुबह शाम ग्रामीणों को काफी मात्रा में धुआं देखने को मिलता है। बूढ़े और बच्चे इससे काफी प्रभावित होते हैं। कई बार हम लोगों ने प्रबंधन को शिकायत किया लेकिन केवल प्रबंधन हमें आश्वासन देती है। वही कोनरा मुखिया प्रत्याशी प्रतिनिधि गुफरान अली उर्फ सोनू इस संबंध में कहा की कंपनी युवाओं को स्थानीय नीति के अनुसार रोजगार देने का काम नहीं कर रही है हमारी मांग है कि कंपनी अधिक से अधिक स्थानीय नीति के अनुसार रोजगार मुहैया कराएं अन्यथा एक बड़े आंदोलन का संकेत मैं दे रहा हूं। अब देखना है की कंपनी स्थानीय युवाओं को कितना रोजगार देती है और प्रदूषण पर कैसे नियंत्रण करती है।