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एचईसी सरकारी उपक्रम के जगह टाटा निजी कंपनी को रेलवे ने क्यों ठेका दिया? -रामप्रकाश तिवारी

एचईसी सरकारी उपक्रम के जगह टाटा निजी कंपनी को रेलवे ने क्यों ठेका दिया? -रामप्रकाश तिवारी

एचईसी सरकारी उपक्रम के जगह टाटा निजी कंपनी को रेलवे ने क्यों ठेका दिया? -रामप्रकाश तिवारी

 

झारखंड/राॅंची: केंद्र की मोदी सरकार की जन विरोधी औद्योगिक नीतियों की कड़ी आलोचना करते हुए स्वतंत्र राष्ट्रवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सह झारखंड प्रदेश अध्यक्ष रामप्रकाश तिवारी ने आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकारी उपक्रम रेलवें ने केंद्रीय सरकारी औद्योगिक उपक्रम एचईसी को बंदे मां तरम ट्रेन के निर्माण का ठेका देने के बजाय टाटा निजी कंपनी को देने के पीछे स्पष्ट कमीशनखोरी,भ्रष्टाचार का मामला दिखाई दे रहा है उक्त मामले में भ्रष्टाचार को देखते हुए देश के ईमानदार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की केंद्र सरकार तत्काल रेलवें के आलाधिकारियों द्वारा टाटा को ठेका देने के मामले में तत्काल सीबीआई,ईडी से जांच कराने हेतु दिशा निर्देश जारी करने की मांग किया। श्री रामप्रकाश तिवारी ने कहा एचईसी केंद्रीय औद्योगिक उपक्रम है एचईसी जैसे बड़े उद्योग की बदहाली का स्पष्ट जिम्मेदार भारत सरकार के उद्योग मंत्रालय है जो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के केंद्र सरकार का एक अंग है घोर आश्चर्य की बात है कि रेलवें भी केंद्र सरकार के अधीन सरकारी उपक्रम है वह एचईसी सरकारी उपक्रम को काम देने के बजाय टाटा निजी कंपनी को ठेका देने के पीछे क्या वजह है? एअर इंडिया जैसे सरकारी उपक्रम को केंद्र सरकार ने टाटा को बेच दिया। घोर आश्चर्य है कि एअर इंडिया को मोदी सरकार ने अपने कुशल प्रबंधन द्वारा मुनाफा कमाने वाली सरकारी उपक्रम में तब्दील नहीं कर सकी। अब एचईसी की बदहाली प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की खराब प्रबंधन स्पष्ट जिम्मेदार है। सरकारी उपक्रम रेलवे ने सीधे केंद्रीय सरकारी उपक्रम एचईसी जैसे बड़े औद्योगिक संस्थान को काम देकर उसे आत्मनिर्भरता में सहयोग कर सकती थी लेकिन कमीशनखोरी के भ्रष्टाचार का नंगा नाच में वह स्वदेशी राष्ट्रीय सोच कहां से आयेगा?

प्रदेशाध्यक्ष रामप्रकाश तिवारी ने सवाल उठाते हुए कहा हैं कि क्या केंद्र सरकार के सभी पूर्व वर्तमान केंद्रीय मंत्री गण,सभी मंत्रालयों के आलाधिकारीगण एवं भाजपा शासित राज्यों की सरकार के सभी पूर्व वर्तमान मुख्यमंत्री,मंत्री गण उनके आलाधिकारी गण ईमानदार हैं? उनके पीछे सीबीआई,ईडी क्यों नहीं पड़ती है? सिर्फ विपक्षी पार्टियों की पूर्व केंद्रीय सरकार के पूर्व प्रधानमंत्री,मंत्रीगण,उनके आलाधिकारी गण एवं राज्यों की विपक्षी शासित राज्यों की सरकार के पूर्व वर्तमान मुख्यमंत्री,मंत्री गण उनके आलाधिकारी गण ही भ्रष्ट हैं?

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