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आईसेक्ट विश्वविद्यालय में कार्यक्रम आयोजित कर मनाया गया संविधान दिवस

भारतीय संस्कृति, परंपरा और आकांक्षाओं का आइना है संविधान : डॉ मुनीष गोविंद

आईसेक्ट विश्वविद्यालय में कार्यक्रम आयोजित कर मनाया गया संविधान दिवस

 

भारतीय संस्कृति, परंपरा और आकांक्षाओं का आइना है संविधान : डॉ मुनीष गोविंद

 

संविधान केवल वकीलों का दस्तावेज नहीं, बल्कि जीवन का माध्यम : डॉ पीके नायक 

 

हजारीबाग:  भारतीय नागरिकों को सिर उठाकर जीने का अधिकार संविधान के माध्यम से ही मिला है। 26 नवंबर 1949, वही सुनहरी तारीख है जब देश का संविधान बनकर तैयार हो गया था। दुनिया भर के 60 लोकतांत्रिक देशों के संविधान के मिश्रण से 2 वर्ष 11माह 18 दिन में बना भारतीय संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है।

उक्त बातें आईसेक्ट विश्वविद्यालय, हजारीबाग के कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद ने तरबा-खरबा स्थित विश्वविद्यालय के मुख्य कैंपस सभागार में संविधान दिवस पर विश्वविद्यालय के एनएसएस इकाई के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही। उन्होंने भारतीय संविधान को संपूर्ण विश्व के संविधान से विशिष्ट बताते हुए इसे भारतीय संस्कृति, परंपरा और आकांक्षाओं को आइना बताया। वहीं विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पीके नायक ने कहा कि संविधान केवल एक वकीलों का दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह जीवन का एक माध्यम है। उन्होंने कहा कि संविधान एक दर्पण है, जिसमें देश का भूत, वर्तमान और भविष्य की झलक मौजूद है। इससे पूर्व विश्वविद्यालय सभागार में दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इसके बाद डॉ श्वेता सिंह ने प्रस्तावना पाठ किया। साथ ही मौलिक कर्तव्यों को पूरी निष्ठा से अमल करने का प्रण मौके पर लिया गया। स्वागत भाषण के दौरान एनएसएस अधिकारी डॉ रूद्र नारायण ने संविधान निर्माण में बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की भूमिका पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के दौरान डॉ राजकुमार समेत अन्य कई प्राध्यापक-प्राध्यापिकाओं ने भी संविधान को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें रखी। साथ ही तपन, सावित्री, आशिक हुसैन सहित विश्वविद्यालय के अन्य विद्यार्थियों ने भी इस दौरान अपने-अपने विचार रखे। धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी प्रीति व्यास ने किया।

कार्यक्रम में ये रहे मौजूद

विश्वविद्यालय में आयोजित संविधान दिवस व राष्ट्रीय कानून दिवस के मौके पर डीन एडमिन डॉ एसआर रथ, डॉ बिनोद कुमार, माधवी मेहता, डॉ अरविंद कुमार, एनएसएस अधिकारी डॉ रूद्र नारायण, डॉ सीता राम शर्मा, डॉ रोज़ीकांत, डॉ श्वेता सिंह, एसएनके उपाध्याय, रोहित कुमार, नेहा सिन्हा, रितेश कुमार, चंदा प्रसाद, डॉ सत्य प्रकाश, डॉ दिवाकर प्रसाद निराला, डॉ पूनम चंद्रा, डॉ शैलेन्द्र शर्मा, डॉ कविता सिन्हा, उदय रंजन, संजय कुमार दांगी, विनित कुमार, प्रीति वर्मा, प्रीति व्यास, सुरेश महतो, बबीता कुमारी, अजय वर्णवाल, रवि रंजन, एकता कुमारी, फिरदौस शहनाज़, खुश्बू कुमारी, कुमारी काजल सोनी, मनीष कुमार, मनीषा कुमारी, मुकेश साव, आरती कुमारी, नीतू कुमारी, पंकज प्रज्ञा, प्रिया कुमारी, पूजा सिंह, राहुल राजवार, रविकांत, ऋचा, सबिता कुमारी, श्रेयामणि, तारा प्रसाद, उमा कुमारी, अमित कुमार, सौरभ कुमार, रानी भट्टाचार्य, समेत विश्वविद्यालय के सभी प्राध्यापक-प्राध्यापिकाओं व कर्मियों के अलावा बड़ी संख्या में विद्यार्थियों की मौजूदगी रही।

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