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जीएम कॉलेज,इचाक में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण हजारीबाग के द्वारा एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया।

जीएम कॉलेज,इचाक में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण हजारीबाग के द्वारा एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया।

जीएम कॉलेज,इचाक में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण हजारीबाग के द्वारा एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया।

ब्यूरो रिपोर्ट 

हजारीबाग: जीएम कॉलेज,इचाक में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण हजारीबाग के द्वारा एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण में प्ररामर्शी रेहान जमी ने बताया कि एक साल में तंबाकू से लगभग 60 लाख लोग पूरे भारत में मृत्यु होती है।

तंबाकू दो प्रकार के होते है धुवां सहित और धुवां रहित दोनो हमारे शरीर के लिए खतरनाक है।तंबाकू के अंदर एक निकोटिन होती है जो शरीर को स्थिर कर देता है।जिसके कारण मनुष्य किसी भी प्रकार के नशा को अपने जीवन में अपना लेते है।तंबाकू के सेवन से व्यक्ति को निकोटीन की आदत पड़ जाती है और इसका असर दिमाग पर भी पड़ता है। तंबाकू खाने वाले व्यक्ति को लगता है कि इसे खाने से उसे एक तरह की दिमागी शांति मिल रही है, और वो इसका आदी हो जाता है। ऐसे लोगों को जब तंबाकू नहीं मिलता है तो वो बेचैन और परेशान हो जाते हैं।

तंबाकू नियंत्रण कानून (कोटपा) 2003 के तहत सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करने, खुलेआम तंबाकू से संबंधित सामग्री बेचने पर कार्रवाई की जाती है। इसके तहत 200 रुपए से 10,000 रुपए तक जुर्माना और 5 साल की कैद तक का प्रावधान है।तंबाकू से होने वाले रोग मुंह, गला, फेफड़े, कंठ खाद्य नली,मूत्राशय, गुर्दा,पैनक्रियाज,सेरेवि,कैंसर तम्बाकू सेवन से ब्रोंकाइटिस और इम्फीसिया जैसी सांस में तकलीफ की समस्याएं होती हैं।हृदय व रक्त संबंधी रोग तेजी से बढ़ते हैं।इस कार्यक्रम में विद्याथियों के बीच क्विज प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया जिसमे प्रथम स्थान पंकज कुमार दास,द्वितीय स्थान अंकित कुमार दास एवं तृतीय स्थान सैफून खातून ने प्राप्त किया जिन्हें मेडल और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया।महाविद्यालय प्रभारी पंकज कुमार ने कहा कि सभी व्यक्ति को नशा से बचना चाहिए क्यों की यह शरीर के लिए हानिकारक है जो हमारे शरीर को अंदर ही अंदर दीमक की तरह खोखला कर देता है।उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि आज की युवा पीढ़ी जो देश के भविष्य है वे आज नशा के चंगुल में फसते जा रहे है।

एक बार किसी को नशा का लत लग जाता है तो उसे नशा से मुक्त करना बहुत दुष्कर कार्य है।मंच संचालन शिक्षक रत्नेश कुमार राणा ने किया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में दीपक प्रसाद,आशीष पांडे,अजय उरांव,अजीत हंसदा,संगम कुमारी,गायत्री शर्मा,विनोद कुमार मेहता, कृष्णा कुमार मेहता,राजकुमार प्रिया कुमारी सुनीता टोप्पो,संजय प्रजापति ने सहयोग किया।

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