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गुमला की बेटी अंतरराष्ट्रीय टीम में हुई चयनित ,

पिता ने कहा : बेटी नाम को रोशन कर रही है।

बुलंद हौसला हो और दृढ़ इच्छा शक्ति हो तो इंसान बड़े से बड़े सपनो को साकार कर सकता है,बचपन से खेल में रुचि रखने वाली गुमला जिले की होनहार बेटी ने जिले के साथ साथ राज्य का भी परचम लहराया है।

जी हाँ ऐसा ही एक गांव झारखण्ड  राज्य के गुमला जिले के भरनो प्रखंड के सुदूरवर्ती इलाका में है। यह प्रखंड मुख्यालय से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित लोण्डरा गांव की तस्वीर को दिखा रहे है। जहाँ एक गरीब आदिवासी परिवार से निकली होनहार बेटी सुमति कुमारी ने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल प्रतियोगिता में चयनित होकर प्रतियोगिता को अपने नाम कर, गांव का नाम रोशन किया है। गुमला जिला के होनहार बेटी पूरी दुनिया में अपने राज्य का परचम लहरा रही है।
इधर सुमति कुमारी का चयन (ए एफ सी) महिला एशिया कप 2022 में भारतीय महिला फुटबॉल टीम के लिए चयन हुआ है।बता दे कि सुमति उरांव अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी है जो भरनो प्रखंड के बेहद सुदूरवर्ती इलाके के एक छोटे से गांव से निकली आदिवासी लड़की इनदिनों अपने खेल का लोहा पूरी दुनिया को मनवा रही है। छिपी खेल प्रतिभा को पूरे देश मे बिखेर रही है।

सुमति के पिता फ़िरु उरांव की माने तो उन्होंने बताया बताया कि मेरी बेटी पर मुझे गर्व  है। बेटी खेल की दुनिया में अपना नाम के साथ परिवार गांव जिला राज्य सहित पूरे देश का नाम को रौशन कर रही है।कहा कि उन्हें काफी खुशी महसूस होती है कि उसकी बेटी देश के लिए फुटबॉल खेल रही है।फीरु उरांव बताते हैं कि उन्होंने बहुत ही गरीबी में अपने बच्चों को पढ़ाने लिखाने का काम किया है,उन्होंने बताया की सुमति बचपन से ही खेलकूद में काफी रुचि रखती थी,गांव के ही सरकारी स्कूल में उसकी प्राथमिक शिक्षा पूरी हुई,वह पढ़ाई के साथ-साथ स्कूल स्तर पर होने वाले खेल कूद में भी हिस्सा लेती थी और हर खेल में वह अच्छा प्रदर्शन कर सफल होती थी, पिता ने बताया कि 2019 में ही उसका चयन अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल खेल के लिए हुआ था,लेकिन 2 साल पूर्व ही उसकी मां शनियारों उराईन की मौत हो गयी थी जिससे परिवारिक स्तर से परेशानियों को सामना करते हुए उपलब्धि हासिल किया है। पिता ने कहा मेरी बेटी पर मझे नाज है।

इस दौरान विद्यालय के प्रधानाध्यापक झारी कुल्लू ने बताया कि सुमति शुरू से ही पढ़ाई के साथ-साथ खेल कूद के प्रति काफी रूचि रखती थी,बताया कि जब वह छठवीं कक्षा में थी तभी वह बाल समागम प्रतियोगिता में विद्यालय स्तर से लेकर राज्य स्तर पर लौंग जम्प में राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त की थी खेल प्रतिभा को देखते हुए शिक्षकों द्वारा फुटबॉल खेल में हिस्सा लेने के लिए उसे प्रेरित किया गया था,यह भी बताया कि सुमति बहुत ही गरीब परिवार की लड़की है जो विद्यालय में बने एमडीएम का खाना खाकर खेल में अपनी प्रतिभा दिखाने का काम की है।बताया की उसके पिता फीरु उरांव अशिक्षित होते हुए भी आसपास के बाजार हाटों में जाकर सूखा मछली बेचकर अपनी बच्ची सुमति को पढ़ाई करवाया और उसके भविष्य को संवारने का काम किया है। हम काफी गर्व महसूस कर रहें हैं कि हमारे छोटे से विद्यालय से पढ़ाई कर निकली सुमति उरांव आज बहुत उच्ची मुकाम हासिल की है।विद्यालय परिवार की ओर से सुमति कुमारी का उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं।

इधर सुमति उरांव से शवाददाता ने फ़ोन के माद्यम से बात चित की सुमति ने बताया कि लोण्डरा विद्यालय में फुटबॉल खेलने के बाद वह करौंदाजोरी स्थित छाता पहाड़ स्कूल में आगे की पढ़ाई पढ़ने लगी उस समय विद्यालय की तरफ से फुटबॉल मैच का आयोजन किया गया था, जिसमें वह अपना खेल का प्रदर्शन की थी,बताया कि गुमला के संत पात्रीक विद्यालय के फादर रामू भीमसेन मींज भी उस दौरान वहां मौजूद थे उन्हने मेरा खेल प्रतिभा को देखकर,मुझे संत पात्रीक विद्यालय गुमला ले गए और मेरी यहीं से अपनी आगे की पढ़ाई करवाने लगे,पढ़ाई के साथ साथ मैं विद्यालय में फुटबॉल खेलते हुए जिला टीम में शामिल हुई,जिला टीम से खेलते खेलते मेरा चयन 2017 उड़ीसा नेशनल टीम में की गयी,उसके बाद खेलते खेलते 2019 में अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में भारत और बांग्लादेश के बिच भूटान में खेल हुआ जिसमें हम सफल रहें।2019 में ही उसका चयन अंडर 17 भारतीय फुटबॉल टीम में हुआ है,फरवरी 2020 में टोकियो में अंतर्राष्टीय मैच खेला।2021 में भी सुमति ने कई देशों में भरतीय महिला फुटबॉल टीम का प्रतिनिधित्व की और इसमें सफल भी रही।सुमति बताती है कि कैसे वह शुरुआत से ही उसने अपने छोटे से गांव के मैदान में खाली पाँव खेलती थी जो अब इंटरनेशनल ग्राउंड में सारी सुविधा से लैस होकर खेल रही है।उसे गांव के उस ग्राउंड का बहुत याद आता है जो कि खाली पैर वह वहां खेला करती थी।सुमति ने बताया कि उसके इस सफलता में माता पिता के साथ साथ शिक्षक और कोच का काफी मेहनत और प्रेरणा है।सुमति अभी एसएफसी महिला एशिया कप 2022 का विशेष तैयारी कर रही है 2022 एएफसी महिला एशिया कप जीतने और इतिहास रचने का काम करेगी और अपने घर परिवार के साथ साथ पूरा देश का नाम रोशन करने की बात कही।सुमति के बड़े भाई तेतरा उरांव,सहित गांव के लोगो ने भी कतय की सुमति ने अपने खेल प्रतिभा से लौंडरा गांव का नाम रौशन किया है हमे गर्व है कि इस गांव की बेटी आज देश के लिए फुटबॉल खेलेगी।

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