शिक्षा विभाग द्वारा संचालित आवासीय विद्यालयों की समीक्षा बैठक संपन्न, दिये गये कई निर्देश।
शिक्षा विभाग द्वारा संचालित आवासीय विद्यालयों की समीक्षा बैठक संपन्न, दिये गये कई निर्देश।
शिक्षा विभाग द्वारा संचालित आवासीय विद्यालयों की समीक्षा बैठक संपन्न, दिये गये कई निर्देश।
हजारीबाग: झारखण्ड शिक्षा विभाग अन्तर्गत झारखण्ड शिक्षा परियोजना के द्वारा संचालित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय एवं नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय विद्यालय की समीक्षा उपायुक्त नैन्सी सहाय की अध्यक्षता में की गई। बैठक में आवासीय विद्यालयों के आधारभूत संरचना, नामांकन के बाद बच्चों की उपस्थिति, आवंटन के विरूद्ध व्यय प्रतिवेदन, ई-विद्या वाहिनी, शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक कर्मियों के मानदेय भुगतान व अनयान्य विषयों पर समीक्षा किया गया।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त ने कहा कि आवासीय विद्यालयों की आधारभूत संरचना सुदृढ़ हो यह जिला प्रशासन की प्रथमिकता है। बच्चों को सकारात्मक वातावरण मिले यह सुनिश्चित कराया जाएगा। इस संदर्भ में उपायुक्त ने जिलान्तर्गत सभी कस्तूरबा विद्यालय के वार्डन से विद्यालय की भौतिक स्थिति की जानकारी हासिल की। मौके पर वार्डेनों के द्वारा अपने-अपने विद्यालय के समस्याओं के बारे में अवगत कराते हुए उसके समाधान की मांग की। इस क्रम में प्रमुख समस्याओं में जलस्तर में कमी के कारण बोरिंग का फेल होना, पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिलना, छात्रों के अनुपात में बंेच-डेस्क व बेड की अपर्याप्तता, ट्रांस्फरमर व बिजली की समस्या, कई जगहों पर जर्जर भवन व शौचालय, सुरक्षा के दृष्टिकोण से चहारदीवारी, पर्याप्त संख्या में भेजनादि के लिए बर्तन आदि के बारे में उपायुक्त को अवगत कराया गया। इन मामलों को देखते हुए उपायुक्त ने सहायक अभियंता, झारखण्ड शिक्षा परियोजना को तत्काल प्रभाव से उक्त समस्याओं के निदान हेतु सभी विद्यालयों का भौतिक निरीक्षण कर तत्संबंधी प्रतिवेदन तैयार करने तथा समस्याओं के समाधान हेतु अग्रेत्तर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने निर्माणाधीन कार्यों में तेजी लाने व ससमय निर्माण कार्य पूर्ण करने के लिए संवेदकों को नोटिस जारी करने को कहा। साथ ही विद्यालयों में आवश्यकतानुसार नये आवासीय व शैक्षणिक कमरों की अवाश्यकता का आकलन कर प्राक्लन तैयार करने का निर्देश उपायुक्त ने दिया।
मौके पर छात्राओं के आवासन सुविधा के निमित तत्काल जरूरत की समग्रियों यथा बेड, बेंच-डेस्क, पेयजल, शौचालय, विद्युत आदि संबंधी प्रतिवेदन वार्डेनों को सीधे उपायुक्त को उपलब्ध कराने का निर्देश देते हुए उपायुक्त ने आश्वासन दिया कि इन सुविधाओं को डीएमएफटी एवं अन्य अनाबद्ध निधि से यथाशीघ्र सुविधा बहाल कर दी जाएगी। इस क्रम में विद्यालयों में नामांकन हेतु चयनित एवं नामांकित बच्चों की स्थिति की समीक्षा के क्रम में उपायुक्त ने लगभग 1600 रिक्तियों को भरने के लिए चयनित बच्चों के अभिभावकों से सम्पर्क अभियान कर रिक्तियां भरने का निर्देश दिया। इस क्रम में सीआरपी/बीआरपी एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों से सहयोग लेने को कहा। साथ ही कोरोना महामारी के कारण नामांकन से वंचित बच्चों को वर्तमान शैक्षणिक सत्र अर्थात अगली कक्षा में नामांकित कर रिक्तियों को भरने का निर्देश दिया। वहीं कई विद्यालयों में शिक्षकों की कमी के लिए अबतक शिक्षा विभाग द्वारा किये जा रहे प्रयास को चिंताजनक बताते हुए उपायुक्त ने नवपदस्थापित जिला शिक्षा पदाधिकारी को समयसीमा के अंदर बहाली संबंधी संचिका अग्रसारित करने को कहा। वहीं विद्यालयों में स्टेशनरी एवं अन्य सामग्रियों की आपूर्ति में विलम्ब व गुणवत्तापूर्ण सामग्री नहीं देने वाले वेडरों को काली सूची में डालने का निर्देश दिया।
बैठक में उपायुक्त सहित, सहायक परियोजना पदाधिकारी, आवासीय विद्यालयों के वार्डेन, शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मी व अन्य मौजूद थे।