बाबा के विकास कार्य को जमीनी हकीकत तक पहुंचाने में लापरवाही बरत रहे अधिकारी….
रात के समय लोगों को अंधेरे में गुजारना पड़ता है कई हादसे हो जाने के बाद भी जिम्मेदारों को नहीं है इसकी सुध....
ओवर ब्रिज पर लगी स्ट्रीट लाइट बनी शोपीस…..
खागा कस्बे में बने ओवरब्रिज पर लगीं लाइटें शोपीस बनी हुई हैं।
रात के समय लोगों को अंधेरे में गुजारना पड़ता है कई हादसे हो जाने के बाद भी जिम्मेदारों को नहीं है इसकी सुध….
बाबा के विकास कार्य को जमीनी हकीकत तक पहुंचाने में लापरवाही बरत रहे अधिकारी….
यूपी: खागा ओवर ब्रिज पर रात होते ही आने जाने वाले राहगीरों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है और आए दिन एक्सीडेंट होते रहते हैं जिसके पूर्व 2 दिन पहले एक गाय का एक्सीडेंट हुआ और वह गाय दोपहर तक ओवरब्रिज पर पड़ी रही उसके बाद आज दूसरे दिन भी एक गाय का एक्सीडेंट हुआ जो पुल के ऊपर ही पड़ी रही जिम्मेदार कर रहे हैं बड़े हादसे का इंतजार लाइट बंद होने से पूरे ओवरब्रिज पर अंधेरा बना रहता है जिससे कोई अप्रिय घटना घटने की आशंका बनी रहती है
ओवर ब्रिज की ऊंचाई पर वाहनों का वैसे ही नियंत्रण होना मुकिल होता है। अगर अंधेरा हो तो स्थिति और भयानक बन जाती है। अंधेरे में वाहनों का नियंत्रण मुश्किल हो जाता है और दुर्घटना होने का भय बना रहता है। रेलवे ओवर ब्रिज पर निर्माण के समय जो स्ट्रीट लाइट लगी थी वही लाइटें कुछ समय बाद से ही खराब पड़ी हैं एक बार लाइट लगवा कर जिम्मेवारों ने अपने कर्तव्य की इतिश्री मान ली।
खागा से किशनपुर धाता पहुंचने का यही एक मात्र मार्ग है
जिससे छोटे वाहन से लेकर बड़े वाहन जा सकते है। ऐसे में ब्रिज के ऊपर से ही बड़े वाहन निकलते हैं। जब इस विषय में पीडब्ल्यूडी के जेई से बात की गई तो उन्होंने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए कहा की ओवरब्रिज की स्ट्रीट लाइट की जिम्मेदारी हमारे पास नहीं है इसकी जिम्मेदारी या तो बिजली विभाग के पास है या तो नगर पंचायत खागा के पास है ऐसा कहके उन्होंने अपना पल्ला झाड़ लिया आखिरकार जिम्मेदार कौन है? क्या जिम्मेवारों को किसी बड़े हादसे का इंतजार है …?