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बरकट्ठा : प्रशासन की सख़्ती के बावजूद बाज़ारों में उमड़ रही भीड़,लॉक डाउन के बावजूद उड़ाई जा रही धज्जियां…

बरकट्ठा : प्रशासन की सख़्ती के बावजूद बाज़ारों में उमड़ रही भीड़,लॉक डाउन के बावजूद उड़ाई जा रही धज्जियां...

बरकट्ठा : प्रशासन की सख़्ती के बावजूद बाज़ारों में उमड़ रही भीड़,लॉक डाउन के बावजूद उड़ाई जा रही धज्जियां….

 

संवाददाता: ईश्वर यादव

बरकट्ठा:  प्रखंड के साप्ताहिक बाज़ार में कोरोना महामारी की त्रासदी को लोग हल्के में ले रहे है।एक ओर कोरोना वायरस की महामारी कोहराम मचा रही है।कोरोना की दूसरी लहर का कहर का आलम यह है कि शहरों में मरीज़ों को ऑक्सीजन व बेड मिलना दुर्लभ है।कोरोना संक्रमण से लोगों की मौत हो रही है।राज्य सरकार ने कोरोना चेन को तोड़ने के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के मद्देनजर आंशिक लॉक डाउन लागू की है।जहां अनावश्यक दुकानों को बंद रखने के साथ कई दिशा निर्देश दिए गए है।वहीं इससे इतर प्रखंड में लोग सबक नहीं ले रहे हैं। बिना सोशल डिस्टेंसिग के पालन किये फलों व सब्जियों की खरीदारी कर रहे हैं।लोग स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ा रहे है। इस साल कोरोना डबल शक्ति के साथ आया है।लेकिन लोग हैं कि समझने को तैयार नहीं,मानो इस वायरस का जरा भी भय नहीं है।सिर्फ मास्क लगा लेने से ही लोग अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन हुआ समझ लेते हैं जोकि काफ़ी खतरनाक है।रात दिन मीडिया और प्रशासन यह समझाने में लगा हुआ है कि मास्क लगाने के बावजूद सोशल डिस्टेंसिंग अपनाने एवं अनजान लोगों से दूरी बनाकर रखने में भलाई है।जिससे वायरस का खतरा लोगों तक ना पहुंचे फिर भी लोग बेवजह बिना ख़ौफ़ के बाज़ारों में भीड़ लग रहे है।लॉक डाउन में सुबह 6 बज़े से 2 बज़े तक जरूरत की दुकानों को खुला रखने का तय किया गया।वहीं कुछ दुकानदार नियमों का उल्लंघन करते हुए नज़र आ रहे हैं।बेवज़ह लोग का मजमा संक्रमण के लिए ख़तरा है।आखिर कब समझेंगे लोग कैसे निपटेंगे कोरोना से ये सभी के लिए चुनौती है।

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