पानी से फसल बर्बाद होने के मामले को ग्रामीणों ने बताया निराधार।
पानी से फसल बर्बाद होने के मामले को ग्रामीणों ने बताया निराधार।
Slug-पानी से फसल बर्बाद होने के मामले को ग्रामीणों ने बताया निराधार।
From–सिसई–गुमला/झारखण्ड
Report-अजित सोनी
Date-13/01/2022
Anchor-जिले के सिसई प्रखण्ड के पुसो गांव में एक सरकारी तालाब से पानी बहाकर तालाब सुखा देने और उस पानी से किसानों के फसल बर्बाद होने की शिकायत की गई थी।जिसके बाद मामले का जांच पड़ताल किया गया । जिसमे जानकारी मिली कि तालाब मत्स्य जीवी सहयोग समिति मुर्गो के द्वारा बंदोबस्ती की गई है, और कुछ गांव के ग्रामीणों को उसकी देखभाल की जिम्मेदारी भी दी गयी थी। बता दे की समिति के सदस्य मधुराम महली और शिवा महली के द्वारा शिकायत मिलने पर पुसो जाकर मामले की जांच पड़ताल की। उन्होंने तालाब को देखा तो पाया कि तालाब में लबालब पानी भरा हुआ था कुछ पानी मशीन लगाकर तालाब से निकाला जरूर गया था। परंतु तालाब में 10 12 फीट गहराई पानी अभी भी मौजूद है और आसपास के किसी भी किसान के खेत में खेती नजर नहीं। पानी से बर्बाद फसल की शिकायत मिली थी। वही ग्रामीणों से भी बात की गई उन्होंने कहा पानी निकाला गया था परंतु से फसल बर्बाद नहीं हुई है। तालाब में अभी भी भरपूर मात्रा में पानी है। पुसो के जिस परिवार कि लोगों के ऊपर आरोप लगा था उनसे बात की गई तो उन्होंने बताया कि हम लोगों ने मत्स्य जीवी सहयोग समिति मुर्गू से तालाब में मछली पालने के लिए लिया हुआ था। परंतु तालाब में ज्यादा पानी होने और तेल पिया मछली होने के कारण वहां पालने के लिए डाले गए मछलियां बढ़ नहीं पा रही थी। दो-तीन फुट तालाब का पानी सूखाया गया ताकि तेल पिया मछली को निकाला जा सके और वहां जो डाली गई मछली है वह धूप पाकर आसानी से बढ़ सके। इसमें ना ही किसी किसान के खेत की फसल बर्बाद हुई है ना तालाब से पानी कम हुआ है। गांव के कुछ लोग जानबूझकर झूठी अफवाह फैला रहे हैं जबकि लगाए गए सारे आरोप निराधार हैं।
Byte-आसिफ अंसारी
Byte-कृष्ण मुरारी पाठक
Byte-चमरू साहू
Byte-ग्रामीण