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कोविड-19 महामारी मैं गरीबों की आशा की किरण जाग रही है जो आज एक सहारा बनकर , अस्तित्व फाउंडेशन के द्वारा गरीबों को मिल रहा है अनाज ।

बिहार/पटना :अनूप नारायण सिंह


बिहार: एक तरफ कोरोना के कहर के बाद पूरे देश और राज्य में कोहराम मचा हुआ है वहीं विगत 10 दिनों से बिहार की राजधानी पटना में दो महिलाएं आशा की किरण जगा रही है. इन महिलाओं के नाम है अमृता सिंह व पल्लवी सिन्हा.नव अस्तित्व फाउंडेशन के माध्यम से यह दोनों महिलाएं समाज के लिए कई सारे साहसिक कार्य कर रही हैं जिससे समाज का तो भला हो ही रहा है और हमें मिल रही है आशा की एक किरण.विगत दस दिनों के अंदर इन लोगों ने अपने निजी कोष से हजारों परिवारों तक भोजन दवाइयां और सहायता राशि पहुंचाई है.

इन दोनों महिलाओं ने पटना में साईं की रसोई शुरू कर पहले ही आदर्श कायम किया है पैड वुमेनिया के नाम से पहचान बना चुकी अमृता और पल्लवी की सहायता इसलिए भी ज्यादा अहम है कि इस सहायता में कोई सरकारी सहयोग नहीं है कुछ लोग इनके प्रयास से प्रभावित होकर अक्सर मदद कर दिया करते हैं इस अभियान में अमृता सिंह के पति और पल्लवी सिन्हा के पति का भी योगदान अहम है।अमृता सिंह के पति बंटी जी बताते हैं कि बात चाहे पटना में जल प्रलय की हो या कोरोना संकट की उनका संगठन बिना किसी स्वार्थ के लोगों के सहायता के लिए आगे आया है. कंकड़बाग कॉलोनी के मलाही पकरी चौक हनुमान नगर विजय नगर पटना बाईपास गर्दनीबाग मीठापुर इलाके में इनके संगठन के द्वारा जरूरतमंद परिवारों को अनाज सब्जी व नगद राशि उपलब्ध कराई जा रही है . उनके इस प्रयास से प्रभावित होकर कई सारे सामाजिक संगठन उन लोगों के साथ जुड़कर इस कार्य में सहयोग भी कर रहे हैं.

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