शिक्षा सचिव का हजारीबाग परिभ्रमण कार्यक्रम, विभिन्न विद्यालयों का किया दौरा।
परिसदन में हुई समीक्षा बैठक, दिये गये कई आवश्यक निर्देश।
झारखण्ड सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव आरके शर्मा ने मंगलवार को हजारीबाग का दौरा किया। हजारीबाग प्रवास के दौरान वे चुरचू प्रखण्ड स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, जिला स्कूल हजारीबाग व इन्दिरा गांधी बालिका विद्यालय हजारीबाग का भ्रमण कर विद्यालयों में पठन-पाठन, समुचित बुनियादी सुविधाएं आदि का जायजा लिया। उनके साथ हजारीबाग उपायुक्त आदित्य कुमार आंनद सहित शिक्षा व जिला स्तरीय पदाधिकारी भी शामिल रहे।
विद्यालयों के परिभ्रमण के क्रम में सचिव ने विद्यालय वर्ग कक्ष, सीसीटीवी कैमरा, पुस्तकालय, विद्युत आपूर्ति, शौचालय की समुचित व्यवस्था, प्रायोगिक कक्ष, कम्प्यूटर लैब, रसोई, छात्रावास आदि का बारी-बारी से निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने स्कूल में मौजूद छात्राओं से बात कर पढ़ाई व व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। इस क्रम में उन्होंने विद्यालयों में संधारित रजिस्टर व रेकर्ड पंजियों का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कमियों को दूर करने कर आपसी समन्वय बनाकर बेहतर कार्यप्रणाली के साथ कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी प्रकार की समस्या हो तो तंुरत विभाग को सूचित करें। भ्रमण के क्रम में सचिव, उपायुक्त, निदेशक माध्यमिक शिक्षा, निदेशक प्राथमिक शिक्षा, हजारीबाग क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक ने सामुहिक रूप से इंदिरा गांधी आवासीय विद्यालय परिसर में पौधारोपण किया। मौके पर उन्होंने विद्यार्थियों के समक्ष पर्यावरण संरक्षण एवं वृक्षारोपण के महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कोविड-19 को लेकर अपनाये जा रहे सुरक्षा मानकों के बाबत आवश्यक निर्देश दिये।
इसके पश्चात शिक्षा सचिव ने परिसदन सभागार में शिक्षा की समीक्षा बैठक की। बैठक में विद्यालयों को बुनियादी सुविधाओं, सरंचनओं, भवन निर्माण सहित अन्यान्य शिक्षा विषयों पर विचार विमर्श किया। इस क्रम में सदर प्रखण्ड स्थित झारखण्ड बालिका आवासीय विद्यालय के निर्माया में आ रहे भूमि अड़चनों को दूर करने के लिए उपायुक्त को संबंधित विभागों से समन्वय कर जल्द से जल्द समाधान करने को कहा। मौके पर उन्होंने विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, बिजली, पानी, शौचालय, कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन, बच्चों का कोविड जांच आदि कार्यों में जिम्मेदारीपूर्वक आपने दायित्त्वों का निर्वहन करने का निर्देश जिला शिक्षा अधिकारियों को दिया। साथ ही उपायुक्त के साथ समन्वय बनाकर विद्यालय में आधारभूत संरचनाओं को सुदृढ़ करने के लिए पहल करने का निर्देश दिया।
इस अवसर पर उत्तरी छोटानागपुर प्रमण्डल के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों के साथ उन्होंने एलपीआई तथा शैक्षणिक मुद्दों पर चर्चा की। सचिव के द्वारा आवासीय विद्यालयों, सरकारी गैर सरकारी विद्यालयों, शिक्षा विभाग द्वारा सचांलित विद्यालयों को विभिन्न कार्यों के लिए आवंटित राशि का समुचित उपयोग समय पर करते हुए उपयोगिता प्रतिवेदन देने के निर्देश दिया। इस क्रम में कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए जिला सहित क्षेत्रीय पदाधिकारियों को समय-समय पर विद्यालयों का निरीक्षण करने का भी निर्देश दिया। वहीं शिक्षा की गुणवत्ता के मुद्दे पर शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के द्वारा संचालित सरकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन पर बल देते हुए नियमित मॉनिटरिंग करने एवं प्रतिवेदन विभाग को भेजने का निर्देश दिया।
मौके पर सरकारी सहायता प्राप्त प्रारम्भिक विद्यालयों में नियुक्त शिक्षकों के वेतन विसंगति, वेतन बकाया विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि ऐसे सभी मामलों का समय पर निबटारा करते हुए शून्य प्रतिवेदन समर्पित करें। उन्होनंे इस कार्य में लापरवाही बरतने वाले कर्मियों को चिन्हित कर कार्रवाई करते हुए सूचित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि निचले स्तर पर कार्य में लापरवाही के कारण शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मियों के वेतन, पेंशन, अन्य पावनाओं के मामले न्यायालय में चले जाते हैं जिससे विभाग को छवि खराब हो सकती है। साथ ही मुख्यमंत्री सचिवालय से कई मामले जिला एवं विभाग स्तर पर भेजे जाते हैं जिनका समय निबटारा करना जरूरी है। इसके लिए सचेत होकर कार्य करें।
बैठक में राज्य परियोजना निदेशक किरण कुमारी पांसी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा हर्ष मंगला, क्षेत्री शिक्षा उप निदेशक शिवेन्दु कुमार, उपायुक्त आदित्य कुमार आनंद, उत्तरी छोटानागपुर प्रमण्डल के सभी जिलों से आये जिला शिक्षा पदाधिकारी व जिला शिक्षा अधीक्षक, जिला स्तरीय पदाधिकारी, कर्मी सहित अन्य लोग मौजूद थे।