भारत के इतिहास में महिलाओं का योगदान अद्वितीय : सतोष गंगवार
झारखंड के राज्यपाल ने किया "भारतीय इतिहास लेखन में महिला विमर्श" विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का शुभारंभ
भारत के इतिहास में महिलाओं का योगदान अद्वितीय : सतोष गंगवार
झारखंड के राज्यपाल ने किया “भारतीय इतिहास लेखन में महिला विमर्श” विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का शुभारंभ
ब्यूरो रिपोर्ट
रांची : झारखंड के माननीय राज्यपाल श्री संतोष कुमार गंगवार ने आज शनिवार (11 जनवरी, 2025) को आर्यभट्ट सभागार, राँची विश्वविद्यालय, रांची में अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना, कला, संस्कृति, पुरातत्व, पर्यटन, खेलकूद और युवा कार्य मंत्रालय, झारखंड सरकार, भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली तथा रांची विश्वविद्यालय, रांची के इतिहास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित “भारतीय इतिहास लेखन में महिला विमर्श” विषय पर आधारित “अखिल भारतीय महिला इतिहासकारों का दो दिवसीय अधिवेशन” का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में महिलाओं का योगदान अद्वितीय और प्रेरणादायक रहा है। सावित्रीबाई फुले, रानी लक्ष्मीबाई और झारखंड की वीर नायिकाएँ, जैसे फूलो-झानो, इस बात के प्रतीक हैं कि महिलाओं ने हमेशा समाज को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
माननीय राज्यपाल महोदय ने कहा कि इन महान महिलाओं के योगदान को इतिहास में उचित स्थान दिलाना हमारी जिम्मेदारी है।
उन्होंने यह भी कहा कि आधुनिक महिला इतिहासकार इस दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास कर रही हैं और महिलाओं की भूमिका को नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत कर रही हैं। यह न केवल इतिहास लेखन को समृद्ध करता है, बल्कि समाज के समग्र विकास में सहायक भी है।
राज्यपाल महोदय ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के महिला सशक्तिकरण के प्रति समर्पण का उल्लेख करते हुए कहा कि “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” जैसी योजनाओं ने महिलाओं को न केवल अधिकार और अवसर प्रदान किए हैं, बल्कि समाज में उनकी एक नई पहचान भी स्थापित की है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महिलाएँ केवल इतिहास का हिस्सा न बनें, बल्कि इतिहास के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएँ।
राज्यपाल महोदय ने रांची विश्वविद्यालय, रांची द्वारा ‘स्वतंत्रता संग्राम में झारखंड की नायिकाएँ’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी की सराहना की और इसे झारखंड तथा भारत की ऐतिहासिक परंपराओं को उजागर करने की दिशा में एक मील का पत्थर बताया।
इस अधिवेशन में देशभर के प्रख्यात इतिहासकारों, शिक्षाविदों और बुद्धिजीवी भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अजीत कुमार सिन्हा, महिला इतिहासकार परिषद की अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) सुस्मिता पाण्डे, अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के राष्ट्रीय संगठन सचिव डॉ. बालमुकुंद पाण्डेय, और रांची विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. सुजाता सिंह सहित अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।