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सदर विधायक ऐतिहासिक हजारीबाग रामनवमी जुलूस को लेकर लगाए गए प्रतिबंध के हटवाने को लेकर कर रहें हैं लगातार संघर्ष 

सदर विधायक ऐतिहासिक हजारीबाग रामनवमी जुलूस को लेकर लगाए गए प्रतिबंध के हटवाने को लेकर कर रहें हैं लगातार संघर्ष 

 

सदर विधायक ऐतिहासिक हजारीबाग रामनवमी जुलूस को लेकर लगाए गए प्रतिबंध के हटवाने को लेकर कर रहें हैं लगातार संघर्ष 

हजारीबाग: राम काज किन्हें, बिनु मोहि कहां विश्राम….त्रेता युग के इसी ध्येय वाक्य को लेकर सदर विधायक ऐतिहासिक हजारीबाग रामनवमी जुलूस को लेकर लगाए गए प्रतिबंध के हटवाने को लेकर कर रहें हैं लगातार संघर्ष

“राम काज किन्हें, बिनु मोहि कहां विश्राम” त्रेता युग के इसी ध्येय वाक्य को लेकर भगवान हनुमान प्रभु श्री राम के कामों में बगैर किसी विश्राम के लगे। लंका विजय तक बिना किसी विश्राम के हनुमान जी ने राम काज किया, ठीक उसी तरह कलयुग में भी मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के जन्मोत्सव यानी रामनवमी महापर्व को झारखंड राज्य के उत्तरी छोटानागपुर मुख्यालय जिला हजारीबाग की पावन धरती में सदियों से चली आ रही परंपरा के मुताबिक निर्वहन कराने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए हिंदू हृदय सम्राट हजारीबाग सदर विधायक मनीष जायसवाल दिन- रात सतत प्रयत्नशील है ।

वर्तमान गठबंधन की सरकार द्वारा पहले दो वर्षों तक

महामारी कोविड-19 के नाम पर जुलूस पर पाबंदी लगाने का प्रयास किया गया तो इसका विधायक मनीष जायसवाल ने मुखरता से विरोध किया और जुलूस निकालने की अनुमति दिलाई। वर्तमान वर्ष 2023 में मंगला जुलूस के आगाज के साथ ही हजारीबाग के पारंपरिक रामनवमी के स्वरूप को बदलने की कवायद सरकार और प्रशासन द्वारा शुरू कर दी गई। पहले तो धारा 144 लगा दिया गया और उसके बाद कोविड-19 का प्रभाव पूरी तरह समाप्त होने के बावजूद कोबिट प्रोटोकॉल का अनुपालन करने और पारंपरिक हथियार लाठी तक मंगला के प्रथम जुलूस में पाबंद कर दिया गया। जिसका विरोध करने पर हजारीबाग के 09 लोगों पर नामजद और करीब 200 अज्ञात लोगों एफआईआर की कारवाई की गई। इसी दौरान क्षेत्र के हजारों लोगों को 107 का नोटिस भेजा गया और चलंत डीजे पर पूर्णतः पाबंदी लगाई गई। जिसके विरोध में कई लोग आमरण अनशन पर बैठे हैं। विधायक मनीष जायसवाल ने प्रथम मंगला जुलूस के पहले से ही सदन पटल पर इस मामले को लेकर आवाज बुलंद करते रहें हैं। उसके बाद लगातार जिला प्रशासन से वार्ता करने की कोशिश की लेकिन बात नहीं बनी और फिर सदन पटल पर मामले को लेकर गूंजते रहे। मंगलवार को इस मामले को लेकर विधायक मनीष जायसवाल ने सदन के वेल पर आकर कुर्ता फाड़ दिया। उनके बनियान में भी जय श्री राम लिखा था ।

 

हजारीबाग जिलों में सदियों से परंपरागत तरीके से जुलूस के माध्यम से रामनवमी महापर्व बनाने की प्रथा रही है। हिंदुओं की आस्था और विश्वास से जुड़ा रामनवमी के ऐतिहासिक जुलूस को लेकर लगाए गए पाबंदी पर सरकार और प्रशासन चुप्पी साधी हुई है और हजारीबाग के रामभक्तों में इसे लेकर अंदर ही अंदर उबाल हो रहा है। लोग सड़क से लेकर सदन तक विरोध कर रहे हैं। लेकिन राज्य सरकार जनआस्था को दरकिनार करते हुए हठधर्मिता पर अड़ी है और जुलूस पर डीजे सहित तमाम पाबंदी बरकरार रखी है ।

हजारीबाग की ऐतिहासिक और विश्वविख्यात रामनवमी की एक अलग पहचान है। हजारीबाग की रामनवमी यहां के एक-एक जन के रोम-रोम में उल्लास, उमंग, श्रद्धा और भक्ति के रूप में बसा है। यहां की रामनवमी लोकआस्था का प्रतीक भी है। हजारीबाग का रामनवमी का मतलब सांप्रदायिक सद्भाव, भाईचारगी, तहज़ीब, समृद्धि, सांस्कृतिक विरासत एवं अस्मिता का प्रतीक रहा है। यहां की रामनवमी मतलब केसरिया परचमों की पुड़पुडाहट, लोगों का एक जुनून, एक जोश, एक खुमार, सड़कों पर उतरता विशाल जनसैलाब, बच्चे- बूढ़े, जवान, नर- नारियों की भीड़-भाड़, गुलजार ऐतिहासिक झांकियों का कतार बद्घ कारवां, नन्हें-नन्हें विद्युतीय वोल्वो से निकलती रोशनी के बीच चुंधियाती आंखें, ताशों की पूर्ण झंकार, नगाड़ों की गड़गड़ाहट, पांवों की थीरकन, लाठियों की तड़तड़ाहट, टुकड़ों पर शोर करते डीजे का जोर आदि है। ऐसे ही कई मनोहारी और रमणीय नजरें हैं जो हजारीबाग की रामनवमी को अद्वितीय, अनुपम, खुशगवार और ख्यातिपूर्ण बनाकर इंटरनेशनल बना देती है। हजारीबागवासी मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के आदर्शों का अनुपालन करते हुए भक्तिमय वातावरण में रामनवमी जुलूस को शांतिप्रिय तरीके से मनाते भी रहे हैं। आस्था और भक्ति के केंद्र के रूप में ख्यातिप्राप्त हजारीबाग के इंटरनेशनल रामनवमी को पिछले 100 साल से अधिक समय से अनवरत 48 घंटे का धार्मिक जुलूस के माध्यम से अपनी अनोखी और अद्भुत प्रस्तुति के माध्यम से देश दुनिया को आकर्षित करती रही है ।

पिछले 2 साल महामारी कोरोना से जंग लड़कर 2022 में रामनवमी जुलूस डीजे के प्रतिबंध और कोविड गाइडलाइन के अनुपालन के तहत निकला। लेकिन वर्तमान वर्ष स्थिति सामान्य होने पर एक नई ऊर्जा और उमंग के साथ लोग अपने पर्व त्योहार को मनाने की तैयारी कर रहे हैं। हाल ही में बीते होली के त्यौहार में लोगों ने शांति और सौहार्द के साथ पर्व मनाया और खूब इंजॉय किया। ऐसे में ऐतिहासिक रामनवमी जुलूस को लेकर हजारीबाग वासियों में खासा उत्साह और उमंग का माहौल है। इस उत्साह को बरकरार रखने के लिए हजारीबाग वासियों की श्रद्धा, भक्ति और लोक आस्था को ध्यान में रखते हुए अगर विशेष परिस्थिति में भी रामनवमी की पारंपरिक जुलूस पर लगाए गए पाबंदी हटाकर निकालने की अनुमति सरकार और प्रशासन द्वारा दी जाती है तो सरकार और प्रशासन के प्रति राम भक्तों में सकारात्मक संदेश जाएगा और लोग भक्तिभाव से अपने आदर्श मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के जन्मोत्सव को पारंपरिक तरीके से मना सकेंगे ।

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