गुरु नानक देव जी के 553 वें प्रकाश पर्व पर तीसरे दिन भी निकाली गई प्रभात फेरी
गुरु नानक देव जी के 553 वें प्रकाश पर्व पर तीसरे दिन भी निकाली गई प्रभात फेरी
गिरिडीह,गुरु नानक देव जी के 553 वें प्रकाश पर्व पर तीसरे दिन भी निकाली गई प्रभात फेरी
गिरिडीह, मनोज कुमार।
गिरीडीह: गुरु नानक देव जी महाराज के 553 वें प्रकाश पर्व के अवसर पर शनिवार को चौथे दिन भी प्रभात फेरी पंजाबी मोहल्ला स्थित गुरुद्वारे से निकलकर काली बाड़ी चौक होते हुए भंडारीडीह स्थित सरदार त्रिलोचन सिंह सलूजा के यहां समाप्त हुई। प्रभात फेरी में सिक्ख परिवार वालों के द्वारा नानक नाम परगट्या मीटी धुंध जग चानन होया कीर्तन गायन किया गया जिससे शहर का माहौल भक्तिमय हुआ | प्रभात फेरी के समाप्ति पर महिला सिक्ख जत्था द्वारा कीर्तन किया गया एवं गुरु नानक देव जी के 553 वें प्रकाश पर्व पर तीसरे दिन भी निकाली गई प्रभात फेरी
गुरु नानक देव जी महाराज के 553 वें प्रकाश पर्व के अवसर पर शुक्रवार को तीसरे दिन भी प्रभात फेरी निकाली गई । प्रभात फेरी पंजाबी मोहल्ला स्थित गुरुद्वारे से निकलकर अम्बेदकर चौक होते हुए बक्सीडीह रोड स्थित सरदार परमिंदर सिंह के यहां समाप्त हुई। प्रभात फेरी में सिक्ख परिवार वालों के द्वारा नानक चिंता मत करो व नानक नाम चढ़दी कलॉ तेरे भाणे सरबत द भलॉ कीर्तन गायन किया गया जिससे शहर का माहौल भक्तिमय हुआ | प्रभात फेरीगुरु नानक देव जी के 553 वें प्रकाश पर्व पर तीसरे दिन भी निकाली गई प्रभात फेरी
गुरु नानक देव जी महाराज के 553 वें प्रकाश पर्व के अवसर पर शनिलार को चौथे दिन भी प्रभात फेरी पंजाबी मोहल्ला स्थित गुरुद्वारे से निकलकर काली बाड़ी चौक होते हुए भंडारीडीह स्थित सरदार त्रिलोचन सिंह सलूजा के यहां समाप्त हुई। प्रभात फेरी में नानक नाम परगटया मीटी धुंध जग चानन होया ,इक बाबा अकाल रूप दूजा रबाबी मर्दाना कीर्तन गायन किया गया जिससे शहर का माहौल भक्तिमय हुआ | प्रभात फेरी के समाप्ति पर सरदार त्रिलोचन सिंह सलूजा के परिवार वालों के द्वारा प्रभात फेरी में शामिल संगत पर पुष्प वर्षा करके स्वागत किया गया| वहीं सिक्ख महिला जत्था द्वारा कीर्तन एवं अरदास किया गया एवं प्रभात फेरी में शामिल संगत के लिए लंगर की सेवा की गई | प्रभात फेरी में गुरुद्वारा प्रधान सरदार गुणवंत सिंह मोंगिया, सरदार अमरजीत सिंह, बलजीत सिंह, परमजीत कौर, नरेन्द्र सिंह, परमजीत सिंह, डेजी दुआ, राजेन्द्र सिंह, समेत काफी संख्या में सिक्ख परिवार की महिला पुरूष व बच्चे शामिल हुए |