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15 फ़िट नीचे बोरवेल में फ़सी मासूम बच्ची

बोरवेल के पास गड्ढा खोद की गईऑक्सीजन से मदद

भोपाल: मध्य प्रदेश में एसडीईआरएफ  के 10 घंटे से ज्यादा के लंबे प्रयास के बाद शुक्रवार को 80 फीट गहरे बोरवेल से डेढ़ साल की बच्ची को निकाला गया. दोपहर साढ़े तीन बजे बच्ची बोरवेल में गिर गई थी. गुरुवार से शुक्रवार तक दोपहर 1 बजे रेस्क्यू किया गया.

80 फीट गहरे बोरवेल में गिरी मासूम

बता दें कि ये घटना गुरुवार दोपहर साढ़े तीन बजे की है. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से करीब 350 किलोमीटर दूर छतरपुर जिले के नौगांव थाने में गुरुवार को लड़की की पहचान दिव्यांशी के रूप में हुई है. दिव्यांशी 80 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई थी, जो एक खेत में खुला हुआ था, जहां वो अपनी मां के साथ गई थी.

मां के साथ खेत गई थी बच्ची

पुलिस के मुताबिक, मां खेत में काम करने में व्यस्त थी और कुछ दूर पर बच्ची खेल रही थी. कुछ मिनटों के बाद, मां ने देखा कि दिव्यांशी वहां नहीं है. फिर उसने अपनी बेटी की तलाश शुरू कर दी. कुछ मिनटों की खोज के बाद उसने एक बोरवेल से कुछ आवाज सुनी. फिर मां के जोर-जोर से रोने की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे, लेकिन वे बच्ची को बचाने के लिए कुछ नहीं कर सके तो उन्होंने स्थानीय पुलिस को खबर दी. इसके बाद पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है.

रेस्क्यू टीम ने ऐसे बचाई जान

पुलिस ने देखा कि दिव्यांशी 80 फीट गहरे बोरवेल में करीब 15 फीट गहराई में फंसी हुई थी. हालांकि, वो जीवित थी और जल्द ही उसे ऑक्सीजन मदद के तौर पर दी गई. इस बीच, घटना की खबर जिला प्रशासन को दी गई. बाद में ग्वालियर जिले से एसडीईआरएफ की एक टीम भी मौके पर पहुंची और तकनीकी उपकरणों के साथ बचाव अभियान में शामिल हुई. रेस्क्यू टीम ने फिर बच्ची की हरकत को देखने के लिए एक सीसीटीसी कैमरा डाला और पाया कि लड़की जीवित थी.

उसी समय, रेस्क्यू टीम ने बोरवेल के समानांतर दो जेसीबी मशीनों का इस्तेमाल करके एक गड्ढा खोदना शुरू कर दिया. बचाव अभियान जारी रहने के बीच लड़की के परिवार के सदस्य और स्थानीय लोग मौके पर जमा हो गए और उसकी सुरक्षा के लिए प्रार्थना करना जारी रखा.

 

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि लड़की अगले कुछ घंटों तक रो रही थी, लेकिन बाद में वह चुप हो गई. सौभाग्य से वो जीवित थी क्योंकि सीसीटीसी के माध्यम से उसकी गतिविधि लाइव थी, जो रेस्क्यू टीम को अभियान जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करती रही थी.

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