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हजारीबाग में बनी हिन्दी फिल्म : पुनर्जागरण: एम०एक्स०प्लेयर ओटीपी पर नि: शुल्क उपलब्ध

कहानी पुनर्जागरण की

9 सितंबर को एम०एक्स०प्लेयर ओ०टी०टी० प्लेटफार्म पर स्वामी विवेकानंद पर आधारित फिल्म पुनर्जागरण रिलीज हुई। यह नि: शुल्क देखने के लिए उपलब्ध है।

यह फिल्म एक घंटा 38 मिनट की है। फिल्म एक बार देखना शुरू कर देने पर अंत तक देखे बिना रूक नहीं जा सकता। फिल्म की कहानी कैसी हैं, अभिनय कैसा है गीत संगीत कैसा है,इन सब विषयों पर चर्चा करते हैं।

कहानी पुनर्जागरण की
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फिल्म पुनर्जागरण भारत की ऐतिहासिक गरिमा एवं संस्कृति की महत्ता को बखान करते हुए इसके पतन का कारण एवं स्वामी विवेकानन्द एवं उनके गुरु श्रीरामकृष्ण परमहंस की शिक्षाओं द्वारा भारत के पुनः जाग्रत होने की कहानी कहती है।
ऋषि पातंजली का योग सुत्र , वैदिक काल की मैत्रेई गार्गी जैसी विदुषी महिला एवं माता सीता, सावित्री, दमयंती जैसी स्त्रियों के आदर्श की बखान करते हुए गौतम बुद्ध एवं आदि शंकराचार्य की चर्चा की जाती है। वैदिक गणित के द्वारा भारत का विश्व को दिये गये योगदान के साथ उत्कृष्ट नालंदा विश्वविद्यालय की बात की जाती है जो भारतवासियों को गोरवान्वित करता है।फिर भारत में विदेशी आक्रमणकारी आते हैं,वैश्य समाज से हाथ मिलाकर ईष्ट इण्डिया कम्पनी भारत में शासन करती है। भारत का पतन होता है और एक युगावतार की आवश्यकता होती है। श्रीरामकृष्ण परमहंस स्वामी विवेकानंद को लाते हैं और उनकी लीला प्रारंभ होती है। स्वामी विवेकानंद जी की शिक्षा एवं संघर्ष को बहुत सुंदर ढंग से दिखाया गया है। स्वामी विवेकानंद जी का अमेरिका जाना एवं कई मित्र एवं शिष्य बना लेना तथा वापस लौटकर भारत को जगाना यह फिल्म की कहानी है। बहुत सारी जानकारियों के साथ साथ रोमांचित कर देने वाली यह फिल्म मन में एक पवित्र भाव भर देती है।
फिल्म के गीत संगीत
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यह फिल्म वेद मंत्र एवं गीत संगीत से भरा हुआ है।अनुप जलोटा, शैलेन्द्र भारती, अभिषेक प्रधान, ने अपनी आवाज दी है। फिल्म के गाने उच्च कोटि के है। उज्जवल सिन्हा की आवाज में ‘ देशभक्ति से भरा गाना उर्जा प्रदान करता हैं।मन शांत करने के साथ हमें यह आध्यात्मिक दुनिया में पहूंचा देता है।
फिल्म का निर्देशन छायांकन अनिरुद्ध उपाध्याय का है वह काफी अच्छा है। श्रीरामकृष्ण परमहंस देव पर एक दोहा को फिल्माया गया है जो थोड़ी धीमी गति से है।
स्वामी विवेकानंद का अभिनय मुकेश राम प्रजापति एवं श्रीरामकृष्ण परमहंस का अभिनय दीपक झा ने बखूबी निभाया है।
फिल्म के निर्माता गजानंद पाठक ने मुल कहानी लिखने में काफी मेहनत किया है, रिसर्च वर्क उच्च कोटि का है। फिल्म में वी एफ एक्स का भी उपयोग किया गया है। गानों का संगीत बहुत सुंदर है। बैकग्राउंड म्यूजिक भी हमें ध्यान की अवस्था में पहुंचा देता है।
कुल मिलाकर यह फिल्म सपरिवार देखने लायक है,जो हमें मानव जीवन के उद्देश्य को बताने के साथ साथ जीने की कला भी बतात है।
हजारीबाग के कलाकारों ने अच्छा काम किया है।श्री तापस चक्रवर्ती, श्री राकेश गौतम जैसे सिनियर कलाकारों के साथ साथ
मुकेश राम प्रजापति, दीपक झा, बबीता श्रीवास्तव, अमरकांत राय, प्रकाश श्रीवास्तव, अजित अरोरा,चंदा कुमारी, बसंत कुमार मिश्रा, सचिन ने भी अच्छा अभिनय किया है। बैकग्राउंड म्यूजिक का काम अभिजीत कुमार सोनु ने किया है।वी० एफ०एक्स० पिंटु कुमार का है। गीतों का संगीत अजय मिश्रा का है। सह निदेशक अनुराग कुमार, मेकअप आर्टिस्ट उमेश कुमार ने भी अपना काम अच्छा किया है।

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