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हजारीबाग में पहली बार आरोग्यम हॉस्पिटल में आईवीएफ तकनीक से बच्ची का हुआ जन्म,2014 में भी असफल रहा रांची में इलाज़

दंपत्ति ने आरोग्यम हॉस्पिटल प्रबंधन और डॉ.रंजना शरण का जताया आभार, कहा संतान सुख दिलाने के लिए थैंक यू 

हजारीबाग में पहली बार आरोग्यम हॉस्पिटल में आईवीएफ तकनीक से बच्ची का हुआ जन्म,2014 में भी असफल रहा रांची में इलाज़

दंपत्ति ने आरोग्यम हॉस्पिटल प्रबंधन और डॉ.रंजना शरण का जताया आभार, कहा संतान सुख दिलाने के लिए थैंक यू 

झारखंड/हजारीबाग: उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल का पहला अत्याधुनिक आईवीएफ सेंटर हजारीबाग के एचजेडबी आरोग्यम सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में सेंटर के उद्घाटन के महज़ एक साल के भीतर ही पॉजिटिव रिज़ल्ट आ गया। हजारीबाग की धरती पर जन्में भारतीय वैज्ञानिक डॉ.सुभाष मुखोपाध्याय जिन्होंने दुनिया का दुसरा और भारत का पहला टेस्ट्यूब बेबी बनाया उनके जन्मस्थली में आरोग्यम सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के जरिए प्रसिद्ध गायनोकोलॉजिस्ट डॉ. रंजना शरण के नेतृत्व में आईवीएफ तकनीक से प्रथम सफ़लता मिलने से डॉ.सुभाष मुखोपाध्याय का सपना साकार हुआ तो दूसरी ओर हजारीबाग और आसपास के निसंतान दंपत्तियों में संतान सुख पाने की नई आस भी जगी ।

 

आरोग्यम हॉस्पिटल में प्रसिद्ध गायनोकोलॉजिस्ट डॉ. रंजना शरण के कुशल और सफल नेतृत्व में आईवीएफ उपचार के माध्यम से हजारीबाग के कटकमदाग प्रखंड स्थित सलागांवा गांव के रहने वाले एक दंपत्ति को उनके शादी के 13 साल बाद संतान सुख की प्राप्ति हुई। लगातर उपचार के उपरांत गुरुवार की रात को सिजेरियन के माध्यम से आरोग्यम हॉस्पिटल में ही इस दंपत्ति को लक्ष्मी स्वरूपा पुत्री की प्राप्ति हुई। इस दंपत्ति ने देश के कई चिकित्सकों से उपचार कराया था और झारखंड की राजधानी रांची से साल 2014 में आईवीएफ का उपचार भी कराया था लेकिन सफल नहीं होने के बाद निराश होकर परिवार और समाज का दंश झेल रहे थे। इस दंपत्ति के लिए आशा की किरण बनकर तब उम्मीद जगी जब हजारीबाग के आरोग्यम हॉस्पिटल में डॉ.रंजना शरण के नेतृत्व में आईवीएफ सेंटर शुरु हुआ। इन्होंने आरोग्यम हॉस्पिटल के आईवीएफ सेंटर पहुंचकर डॉ.रंजना शरण से उपचार शुरू कराया और उनका उपचार उनके लिए संजीवनी का काम किया। हजारीबाग जैसे छोटे शहरों में आईवीएफ का सफल उपचार होना कोई मामूली बात नहीं हैं। इस सफलता के बाद आरोग्यम हॉस्पिटल प्रबंधन, आईवीएफ सेंटर की पूरी टीम और विशेषकर डॉ. रंजना शरण बेहद खुश हैं और इसे अपने निरंतर सकारात्मक प्रयास और बेहतर ईलाज का प्रतिफल मान रहें हैं। आरोग्यम हॉस्पिटल में फरवरी 2022 में पश्चिम बंगाल के कोलकाता के प्रसिद्ध और नामी अभिर्भव इनफर्टिलिटी केयर के टेक्निकल टीम के सहयोग से डॉ. रंजना शरण के नेतृत्व में शुरू किया गया ।

 

निःसंतानता के बढ़ते मरीज़ को देखते हुए हमने किया प्रयास, सफल होना खुशखबरी- डॉ. रंजना शरण

हजारीबाग की सबसे पुरानी और प्रसिद्ध गायनोकोलॉजिस्ट डॉ. रंजना शरण ने हजारीबाग जैसे छोटे शहर में पहली बार सफल आईवीएफ उपचार से बच्चा होने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा की हजारीबाग में लगातर निःसंतानता के बढ़ते मरीज़ को देखते हुए आरोग्यम हॉस्पिटल के निदेशक हर्ष अजमेरा और मैंने हजारीबाग शहर में ही आईवीएफ सेंटर शुरु करने की योजना बनाई। मैंने दिल्ली जाकर प्रसिद्ध आईवीएफ अनुभवी चिकित्सक डॉ.गौरी से आईवीएफ का प्रशिक्षण प्राप्त किया। जिसके बाद अपने पूरे जीवन के चिकित्सीय अनुभव और प्रशिक्षण के कौशलता को आईवीएफ तकनीक उपचार में खपाया। रांची में असफल हुए एक दंपत्ति ने मुझपर विश्वास जताया और इलाज में निरंतरता बनाए रखी और अंततः पहली बार हजारीबाग में हमारा आईवीएफ उपचार सफल हुआ। निःसंतान दंपत्ति को सिजेरियन के जरिए बेटी रूपी लक्ष्मी की प्राप्ति हुई। डॉ.रंजना शरण ने कहा की बांझपन कोई लाइलाज बीमारी नहीं हैं। आईवीएफ इसका सरल, सुरक्षित और कारगर उपाय है ।

 

महानगरों के तर्ज़ पर आधे से भी कम खर्च पर हजारीबाग में आईवीएफ का इलाज़ संभव- हर्ष अजमेरा

 

आरोग्यम हॉस्पिटल में सफल आईवीएफ होने पर खुशी का इज़हार करते हुए आरोग्यम हॉस्पिटल के निदेशक हर्ष अजमेरा ने बताया की आईवीएफ

का मतलब लोग बड़े शहरों में इलाज मान बैठते हैं, इसी मिथक को मिटाने के लिए और जीवन में संतान सुख प्राप्त करने के उम्मीद पाले निराश हुए लोगों के जीवन में खुशी के रंग भरने के उद्देश्य से हमने हजारीबाग में ही आईवीएफ उपचार की शुरूआत कराई और महज़ एक साल में ही पहला सफ़ल उपचार से एक घर-आंगन गुलज़ार हुआ और एक दंपत्ति को संतान सुख मिला। हर्ष अजमेरा ने बताया की महानगरों के तर्ज़ पर आधे से भी कम खर्च में पहला आईवीएफ उपचार सफल रहा। उन्होंने निराश हुए निसंतान दंपत्ति एकबार हमारे आईवीएफ सेंटर से ईलाज जरूर कराएं और अपनी सुनी गोद को गुलज़ार करने की दिशा में सकारात्मक पहल करें ।

 

विश्वस्तरीय और आधुनिक तकनीक से लैस है हमारा आईवीएफ सेंटर- जया सिंह

 

आरोग्यम हॉस्पिटल की एडमिस्ट्रेटर जया सिंह ने कहा की आरोग्यम हॉस्पिटल का आईवीएफ सेंटर विश्वस्तरीय और आधुनिक तकनीक से लैस है। हमारे यहां एक ही छत के नीचे आईवीएफ से संबंधित सभी जरूरी सेवाएं और इलाज संभव है। निसंतान दंपत्ति अपने सपने को साकार करते हुए सुनी गोद को भरने और अपने परिवार और घर- आंगन में बच्चों की किलकारी गूंजने के लिए आईवीएफ उपचार जरूर कराएं ।

आरोग्यम हॉस्पिटल और डॉ. रंजना शरण का धन्यवाद, जिन्होंने हमें दिया संतान सुख- तिलेश्वर-सुनीता

हजारीबाग जिले के कटकमदाग प्रखंड स्थित सलगांवा ग्राम निवासी दंपत्ति तिलेश्वर साव और सुनीता देवी ने संयुक्त रूप से आरोग्यम हॉस्पिटल और डॉ.रंजना शरण का धन्यवाद जताया। तिलेश्वर साव ने कहा की हमें 13 वर्ष बाद सिर्फ़ डेढ़ लाख रुपए के इलाज में खर्च पर संतान सुख मिला है। रांची में हमारा आईवीएफ सफल नहीं हुआ था बड़े उम्मीद के साथ आरोग्यम हॉस्पिटल में इलाज कराया और हमारे जिंदगी के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है आरोग्यम हॉस्पिटल और डॉ. रंजना शरण जिन्होंने मुझे एक पिता बनने का सपना साकार करने में मदद किया ।

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