हजारीबाग कृष्ण बल्लभ आश्रम कांग्रेस कार्यालय में संगठित व असंगठित मजदूर यूनियन के नवनियुक्त जिला अध्यक्ष मिथिलेश कुमार दुबे व उनके सभी पदाधिकारियों का फूल माला पहना कर अभिनंदन व स्वागत किया
आज दिनांक 20 दिसंबर 2021 को हजारीबाग कृष्ण बल्लभ आश्रम कांग्रेस कार्यालय के हॉल में संगठित व असंगठित मजदूर यूनियन के नवनियुक्त जिला अध्यक्ष मिथिलेश कुमार दुबे व उनके सभी पदाधिकारियों का फूल माला पहना कर अभिनंदन व स्वागत किया गया कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश इंटक के उपाध्यक्ष शाह एआईसीसी के मेंबर श्री भीम कुमार वा इस कार्यक्रम के उद्घाटन करता इंटक के प्रदेश सचिव श्री विजय कुमार यादव व कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि हजारीबाग युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष श्री शैलेंद्र यादव व कार्यकारिणी के सदस्य श्री जमुना यादव श्री अशोक देव ने नवनियुक्त पदाधिकारियों का अभिनंदन स्वागत किया।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री भीम कुमार ने कहा जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री की मौजूदगी में हुआ था गठन, इंटक की स्थापना तीन मई 1947 को की गई थी। तब कांग्रेस के अध्यक्ष रहे आचार्य जेबी कृपलानी ने इसके पहले अधिवेशन का उद्घाटन किया था। अधिवेशन में अंतरिम सरकार के उपाध्यक्ष (प्रधानमंत्री) पंडित जवाहरलाल नेहरू, शंकरराव देव, जगजीवन राम, बीजी खेर, ओपी मेहताब, अरुणा आसफ अली, राम मनोहर लोहिया, अशोक मेहता, रामचंद्र सखाराम रुईकर, मणिबेन पटेल आदि मौजूद थे। देश का नंबर-1 श्रमिक संगठन बनकर उभरा आजादी के सिर्फ तीन महीने इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस की स्थापना तीन मई 1947 को की गई। काफी पहले यह महसूस किया जा रहा था कि कांग्रेस का अपना एक श्रमिक संगठन होना चाहिए। तब श्रमिक क्षेत्र में आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) ही एकमात्र था। लिहाजा सुरेशचंद्र बनर्जी की अध्यक्षता में इंटक का गठन हुआ। तीन महीने बाद जब देश आजाद हुआ तो कांग्रेस की सरकार बनी। सत्ता का साथ और शुरुआती नेताओं की मेहनत से कांग्रेस ने जल्द ही अपना अलग मुकाम तय किया। बैंकों, उद्योगों के राष्ट्रीयकरण ने इसे और ऊंचाई दी और यह देश का नंबर-1 श्रमिक संगठन बनकर उभरा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संगठित व असंगठित इंटक के जिला अध्यक्ष मिथिलेश दुबे ने कहा बैंकों एवं रेलवे के निजीकरण की ओर ले जाना कोयला खनन का भारत सरकार द्वारा निजी करण की और ले जाना दुर्भाग्यपूर्ण है, विभिन्न विभागों में राज्य सरकार के द्वारा संविदा अनुबंध बहाल कर शोषण ना करें स्थाई बहाली का मांग करना इंटक का मांग है, ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कॉन्ग्रेस संगठित व असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का एक ऐसा प्लेटफार्म है। जो मजदूरों के हक और समानता का अधिकार दिलाता है। क्योंकि कारखानों में काम कर रहे मजदूरों के साथ उद्योगपतियों द्वारा शोषण किया जाता था और इन मजदूरों के साथ हो रहे शोषण को रोकने तथा कंपनियों कारखानों के मालिकों को मजदूरों के मांगों को मनवाने के लिए ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस की स्थापना की गई थी। कारखानों में, काम करने वाले मजदूरों के साथ शोषण किया जाता था जैसे मजदूरों को काम ज्यादा कराया जाता था। और तनख्वाह यानी मजदूरी कम दिया जाता था। कंपनियों में, काम करते हुए। किसी प्रकार की घटना दुर्घटना का उद्योगपतियों ने घायल मजदूरों को नजरअंदाज किया जाता था।
इस कार्यक्रम के उद्घाटन करता एवं इंटक के प्रदेश सचिव श्री विजय कुमार यादव ने कहा
इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन के मौजूदा अध्यक्ष जी संजीवा रेड्डी की यह उपलब्धि ही कही जाएगी कि उनके समय में ही सर्वाधिक श्रमिक संगठन का कीर्तिमान बना। इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (INTUC) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ट्रेड यूनियन विंग है । इसकी स्थापना 3 मई 1947 को हुई थी और यह अंतर्राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन परिसंघ से संबद्ध है । श्रम मंत्रालय के अनंतिम आंकड़ों के अनुसार, INTUC की 2013 में 33.3 मिलियन की सदस्यता थी, जिससे यह भारत में सबसे बड़ा ट्रेड यूनियन बन गया। भारत का सर्वश्रेष्ठ संगठन माना जाता है।
कार्यक्रम में उपस्थित इंटक के प्रवक्ता पंचम कुमार पासवान ने कहा इंटक कांग्रेस की श्रमिक शाखा है जिसका लक्ष्य देश की मजदूरों की दशा में सुधार व उनको समानता का अधिकार दिलाना है। इंटक ही संगठित व असंगठित कामगार मजदूरों का प्लेटफार्म है जो देश के आजादी के बाद से अब तक अधिकार और सम्मान दिलाने का महत्वपूर्ण कार्य किया जा रहा है,
इस कार्यक्रम में उपस्थित इंटक के जिला एवं प्रखंड पदाधिकारी उपस्थित थे जिसमें वरिष्ठ कांग्रेस नेता जमुना यादव, अशोक देव, सी डी सिंह, गोविंद राम, साजिद हुसैन, दीपक संधू, कजरू साहब, राजेश कुमार गुप्ता, सुनील सिंह राठौर, नरेश कुमार गुप्ता, रियाजुद्दीन अंसारी, सलीम राजा, अशरफ अली, शंकर कुमार सिंह, किशोर कुमार मेहता, मंसूर आलम, जगदेव कुमार, विश्वास पासवान, सुरेश रविदास, मंगेश्वर चौधरी, बाबूराम, गणेश कुमार, सुनील राम, ओपी सिंह, सुरेंद्र प्रसाद, राकेश सिंह राजा, प्रकाश उपाध्याय, राजेश चंद्रवंशी, रहमत अंसारी मुखिया, बाबू खान, राजेंद्र प्रसाद, जय प्रकाश कुमार, मुकेश कुमार, शशि कुमार भारती, विमल द्विवेदी गोविंद कुमार यादव, सुखदेव भुइयां, अमित कुमार, अनिल भुइयां, विकास भुइयां, उमर अली, एमडी वसीम अकरम, एमडी महताब आलम, एमडी मुशर्रफ हुसैन, मोहम्मद मुख्तार आलम, मुन्ना ठाकुर, कृष्ण कुमार सिंह, मुकुल कुमार तिवारी, सुबोध ठाकुर, अजय कुमार मेहता, अरशद अंसारी, देवधारी प्रसाद मेहता, आदि मौजूद थे,