स्वास्थ, चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग आईपास डेवलपमेंट फाउंडेशन के द्वारा Understanding the Strategic Practices in Family Planning, Relevance & Future Course of Action in Jharkhand विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन।
स्वास्थ, चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग आईपास डेवलपमेंट फाउंडेशन के द्वारा Understanding the Strategic Practices in Family Planning, Relevance & Future Course of Action in Jharkhand विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन।
स्वास्थ, चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग आईपास डेवलपमेंट फाउंडेशन के द्वारा Understanding the Strategic Practices in Family Planning, Relevance & Future Course of Action in Jharkhand विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन।
रांची: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखण्ड और आईपास डेवलपमेंट फाउंडेशन के द्वारा Understanding the Strategic Practices in Family Planning, Relevance & Future Course of Action in Jharkhand विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला श्री आलोक त्रिवेदी (भा०प्र०से०) अभियान निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखण्ड की अध्यक्षता में आयोजित की गई। उक्त कार्यशाला में झारखण्ड के सिविल सर्जन, सभी जिलों से परिवार नियोजन के नोडल पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, लेखा प्रबंधक, डाटा प्रबंधक एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक ने इस कार्यशाला में भाग लिया।
श्री आलोक त्रिवेदी (भा० प्र० से०) अभियान निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशनने बताया कीपरिवार नियोजन केवल एक स्वास्थ्य सेवा नहीं है, यह सार्वजनिक स्वास्थ्य की आधारशिला है जिसका हमारे समुदायों के सामाजिक और आर्थिक विकास पर दूरगामी प्रभाव पड़ता है I प्रसव पश्चात् परिवार नियोजन पर की सेवा पर ध्यान केंद्रित करना अच्छा है – यदि हम परिवार नियोजन में अधिक प्रभाव देखना चाहते हैं तो इसे प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
डॉ पुष्पा, राज्य नोडल पदाधिकारी, फैमिली प्लानिंग, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखण्ड के द्वारा सभी के स्वागत के साथ कार्यशाला का शुभारंभ किया एवं डॉ पुष्पा के द्वारा बताया गया की परिवार नियोजन में Unmet need, कम उम्र में विवाह और माँ और बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए हमलोगो को साथ में कार्यरत होना होगा।
श्री बिद्यानंद शर्मा पंकज, अपर अभियान निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखण्ड ने बताया की परिवार नियोजन के लाभार्थियों की जरूरतों को पहचानना एवं देखभाल की गुणवत्ता सुनिश्चित करना भी प्रमुख घटकों (Key component) में से एक है। यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि लाभार्थियों की जरूरतों और विकल्पों को हमेशा प्राथमिकता दी जाए।
डॉ जॉन ऑफ कैनेडी, निदेशक IPH ने बताया कि इच्छा के अनुरूप परिवार नियोजन की विधियो का उपयोग करें इसमें कोई दबाव नहीं है सरकार का यह लक्ष्य है कि हर व्यक्ति का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा हो
डॉ लाल मांझी राज्य नोडल पदाधिकारी आईईसी ने बताया कि झारखंड में सास बहू पति सम्मेलन के द्वारा परिवार नियोजन की सेवाओं को सुदूर ग्रामीण क्षेत्र तक पहुंचा जा रहा है साथ ही नव विवाहितों को नई पहल किट का वितरण कर परिवार नियोजन के कार्यों को किया जा रहा है
इस कार्यशाला में आइपास डेवलपमेंट फाउंडेशन के चीफ टेक्निकल ऑफिसर, डॉ सुशान्ता बनर्जी ने बताया की सेवा प्रदाताओं के द्वारा परिवार नियोजन की सेवा लेने आयी लाभार्थियों को परिवार नियोजन के सभी विधियों की विस्तृत जानकारी देना आवश्यक है जिससे लाभार्थी (Choice-Based) परिवार नियोजन की विधि अपना सकें।
गुंजन खलखो, राज्य परिवार नियोजन समन्यवक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखण्डके द्वारा प्रतिभागियों के द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दिए गए एवं सभी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ इस कार्यशाला का समापन किया गया।
इस अवसर पर अकाय मिंज, डॉ प्रवीण कर्ण, मिस मेघा गांधी, डॉ शुशांत कुमार बनर्जी, नवल किशोर यादव तथा अन्य पदाधिकारी, परामर्शी, समन्वयक उपस्थित थे।