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स्वतंत्र भारत के प्रथम गृहमंत्री लौह पुरुष स्वर्गीय सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती निवर्तमान विधायक निर्भय कुमार शाहाबादी के आवासीय कार्यालय में मनाई गई।

स्वतंत्र भारत के प्रथम गृहमंत्री लौह पुरुष स्वर्गीय सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती निवर्तमान विधायक निर्भय कुमार शाहाबादी के आवासीय कार्यालय में मनाई गई।

 

स्वतंत्र भारत के प्रथम गृहमंत्री लौह पुरुष स्वर्गीय सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती निवर्तमान विधायक निर्भय कुमार शाहाबादी के आवासीय कार्यालय में मनाई गई।

गिरीडीह,मनोज कुमार

गिरीडीह : स्वतंत्र भारत के प्रथम गृहमंत्री लौह पुरुष स्वर्गीय सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती गिरिडीह के निवर्तमान विधायक निर्भय कुमार शाहाबादी के आवासीय कार्यालय में मनाई गई।

इस अवसर पर निवर्तमान विधायक निर्भय कुमार शाहाबादी,ज़िलामहामंत्री सुभाषचंद्र सिन्हा,अनूप सिन्हा,महेश राम,सिकंदर हेम्ब्रम,शरद भक्त,फलेंद्र सिंह,कन्हैया ओझा,दीपक स्वर्णकार,वीरेंद्र वर्मा,सुरेश मंडल,प्रकाश दास,अरविंद चंद्र राय, पंचम सिंह,अभय सिन्हा, पंचानंद वर्मा,सौरभ मिश्रा,किशोर साव,संतोष गुप्ता सहित दर्जनों कार्यकर्ता उपष्ठित थे।

जयन्ती समारोह में उनके जीवनी पर प्रकाश डालते हुए निवर्तमान विधायक शाहाबादी ने कहा कि सरदार बल्लभ भाई पटेल एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे,उनकी दृढ़ता इस बात से ही दिखाई पड़ती है, उनके जो भी जिम्मेदारी स्वतंत्रता आंदोलन में दी गयी उसे सफलता पूर्वक करके दिखाया।ऐसे व्यक्ति का जन्म हज़ारों वर्षो में एक बार होता है।वे स्वतंत्र भारत के पहले उपप्रधानमंत्री बने।महात्मा गांधी के द बारडोली के सत्यग्रह में अपने महान संगनाठमक कौशल के लिए सरदार की उपाधि प्रदान महात्मा गांधी ने दी।आजाद भारत के प्रथम गृहमंत्री का पद सुशोभित किये।गृहमंत्री के रूप में उनकी प्राथमिकता देशी रियासतों को भारत मे मिलाना था।इस काम को उन्होंने बिना कोई खून बहाए एक करके दिखाए।हैदराबाद रियासत को ऑपरेशन पोलो के लिए उन्हें सेना भेजनी पड़ी थी।

भारत को एकत्रीकरण करने में उनके अहम योगदान के लिए उन्हें लौहपुरुष के रूप में जाना जाता है।उन्होंने कहा कि देश के पूर्ववर्ती सरकारों ने देश के लिए किए गए उनके अहम योगदान का उचित सम्मान नही दिया।जब 2014 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार यशश्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृव बनी तो उनके श्रधांजलि देने के उद्देश्य से उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय एकता दिवस रूप में मनाने की घोषणा की,और विश्व की सब्सर ऊंची प्रतिमा स्टैयचु ऑफ यूनिटी का निर्माण कर राष्ट्र को समर्पित किये।

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