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सरहुल प्रकृति से प्रेम करना सिखाता है- सी के पाण्डेय

सरहुल प्रकृति से प्रेम करना सिखाता है- सी के पाण्डेय

सरहुल प्रकृति से प्रेम करना सिखाता है- सी के पाण्डेय

हजारीबाग/बरकट्ठा :धार्मिक स्थल सूर्यकुण्ड में के सरना धर्म के अनुयायियों ने सरहुल के अवसर पर ध्वजारोहण एवं परंपरागत तरीके से धर्म के पाहन ने सरना माता की पूजा की साथ ही सखुआ के फूलों को एक दूसरे को देकर बधाई दिया। पूजा के बाद सांस्कृतिक एवं परंपरागत झूमर नृत्य भी आयोजित किया गया। लोगों ने नगाड़े एवं मांदर की थाप पर देर शाम तक नृत्य करते रहे। अतिथियों ने प्रकृति के प्रति अपने प्रेम जाहिर किया। जिप प्रतिनिधि व समाजसेवी सी के पाण्डेय ने कहा की सरहुल प्रकृति के प्रति प्रेम दिखाता है। वर्तमान समय में वनों को जिस तरह से उजाड़ा जा रहा है इससे हम सभी का जीवन संकट में होता जा रहा है।

झारखंड की महान संस्कृति एवं पर्यावरण को बचाने के लिए हम सभी को मिलकर संकल्प लेना होगा। इस अवसर पर जिला परिषद प्रतिनिधि व झारखण्ड नव निर्माण युवा सेना के संस्थापक सी के पाण्डेय (समाजसेवी शिक्षक), थाना प्रभारी गोरहर कृष्णा साहा, बेलकप्पी मुखिया, रामधनी मांझी,समाजसेवी सुरेश पाण्डेय,गोरहर मुखिया प्रतिनिधि छोटन कोल, बेलकप्पी मुखिया प्रतिनिधि, किशुन हांसदा,दुर्गा बास्के, समाजसेवी पत्रकार रिंकू माली, संतोष पाण्डेय, शंकर गोस्वामी,सुनील

कुमार,पंकज पाण्डेय, आदित्य पाण्डेय, ज्ञानदीप पाण्डेय रामजी हांसदा,महादेव मुर्मू,रामकुमार जी,विनोद बास्के,मनीलाल जी,रामु मरांडी,सहदेव मरांडी,बिनोद बेसरा,बिनोद बास्के,महादेव जी,छोटेलाल मुर्मू,परमेश्वर हांसदा,सोमरा बास्के,तालो बास्के,सुरेश टुडू,रामसहाय मांझी,मुकेश टुडु,सामेल टुडु,प्रकाश टुडु,अनिल टुडु,सुनील सोरेन,सुंदर मांझी,सुरेश मुर्मू,महेश मांझी, केशोलाल मुर्मू व गणमान्य व्यक्ति, जनप्रतिनिधि, समाजसेवी व हजारों की संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।

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