श्रीमद्भागवत कथा भक्ति यज्ञ के दूसरे दिन मंगलवार को भारी संख्या में श्रोता कथा श्रवण करने के लिए झंडा मैदान पहुंचे
श्रीमद्भागवत कथा भक्ति यज्ञ के दूसरे दिन मंगलवार को भारी संख्या में श्रोता कथा श्रवण करने के लिए झंडा मैदान पहुंचे
श्रीमद् भागवत कथा समिति गिरिडीह की ओर से आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा भक्ति यज्ञ के दूसरे दिन मंगलवार को भारी संख्या में श्रोता कथा श्रवण करने के लिए झंडा मैदान पहुंचे
गिरिडीह, मनोज कुमार।
गिरिडीह: श्रीमद् भागवत कथा समिति गिरिडीह की ओर से आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा भक्ति यज्ञ के दूसरे दिन मंगलवार को भारी संख्या में श्रोता कथा श्रवण करने के लिए झंडा मैदान पहुंचे। पद्म विभूषण जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज के शिष्य उज्जवल शांडिल्य जी महाराज व्यासपीठ पर विराजमान होकर अपने मुख से हरि संकीर्तन का रसपान लोगों को करवाया। इस दौरान उज्जवल शांडिल्य जी महाराज ने कथा के दूसरे दिन भागवत महात्म्य के कई गुणों को बताया।
उन्होंने कहा कि भागवत कथा का श्रवण करने से सुख शांति की प्राप्ति होती है। भागवत कथा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि भगवान की भक्ति ने दासी पुत्र को ब्रह्मा का पुत्र बना दिया। उन्होंने कथा का अर्थ बताते हुए कहा कि जीवन की व्यथा को नष्ट कर दें और जिसको सुनने से भगवान के चरणों में आस्था दृढ़ होती है उसे कथा कहते हैं। कथा के दौरान उन्होंने कहा कि भागवत जी के रूप में भगवान अक्षराकार है।
भागवत भगवान के वाग्म्य अवतार है। भागवत कथा में ही मनुष्य को विश्राम और आनंद की प्राप्ति होती है। कथा के दूसरे दिन भगवान के अलग-अलग रूपों का वर्णन सुनने को मिला। साथ ही भजन की भी प्रस्तुति की गई। कथा के अंत में श्रीमद् भागवत भगवान की आरती और महाप्रसाद का वितरण भी किया गया। कथा की समाप्ति 19 मार्च को होगी।