वर्मी कम्पोस्टिंग, मशरुम उत्पादन तथा कड़कनाथ मुर्गी पालन द्वारा उद्यमिता विकास विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला मझगवां में आयोजित
कार्यशाला में कृषकों सहित 110 प्रशिक्षणार्थियों ने की सहभागिता
वर्मी कम्पोस्टिंग, मशरुम उत्पादन तथा कड़कनाथ मुर्गी पालन द्वारा उद्यमिता विकास विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला मझगवां में आयोजित
कार्यशाला में कृषकों सहित 110 प्रशिक्षणार्थियों ने की सहभागिता
मझगवां/चित्रकूट: दीनदयाल शोध संस्थान कृषि विज्ञान केन्द्र मझगवाॅं में राष्ट्रीय विज्ञान अकेडमी भोपाल चैप्टर के सहयोग से वर्मी कम्पोस्टिंग, मशरुम उत्पादन तथा कड़कनाथ मुर्गी पालन द्वारा उद्यमिता विकास विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ शुक्रवार को किया गया। जिसमें प्रमुख रुप से डाॅ.परीक्षित झाड़े मुख्य पालन अधिकारी सतना, डॉ. राजेश त्रिपाठी उप संचालक कृषि सतना, डॉ. संतोष शुक्ला सहायक कार्यकारी सचिव राष्ट्रीय विज्ञान अकेडमी प्रयागराज, डॉ. शिवेष प्रताप सिंह सचिव राष्ट्रीय विज्ञान अकेडमी भोपाल चैप्टर, श्री अभय महाजन राष्ट्रीय संगठन सचिव दीनदयाल शोध संस्थान, डॉ. उमाशंकर मिश्रा प्रोफेसर महात्मा गाॅंधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट, डॉ. संतोष कुमार सहायक प्राध्यापक ए.के.एस. विश्वविद्यालय सतना की गरिमामयी उपस्थिति रही।
कार्यशाला में 110 प्रशिक्षणार्थियों ने सहभागिता की, जिसमें चित्रकूट ग्रामीण क्षेत्रों की युवा युवतियाॅं, ग्रामोदय विश्वविद्यालय, ए.के.एस. विश्वविद्यालय, शास0 महाविद्यालय सतना के अलावा किसानों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रशिक्षण के दौरान श्री अभय महाजन राष्ट्रीय संगठन सचिव दीनदयाल शोध संस्थान ने अपने उद्बोधन में बताया कि किसानों के परिश्रम एवं प्रयासों को लाभ से जोड़कर आर्थिक वृद्धि हेतु प्रशिक्षण, कार्यशाला कारगर साबित होती है, उन्होंने विद्यार्थियों को कहा कि आपको नौकरी देने वाला बनना है न कि नौकरी लेेने वाला।
प्रशिक्षण में डा0 शिवेष प्रताप सिंह ने कार्यशाला की भूमिका रखते हुए बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत उद्यमिता विकास के द्वारा हमें रोजगार सृजित करना है। वर्मी कम्पोस्टिंग विषय पर डा0 उमाशकर मिश्रा जी तथा डा0 संतोष कुमार ने अपना व्याख्यान दिया।
कडकनाथ मुर्गी पालन विषय पर डा0 रामप्रकाश शर्मा तथा मशरुम उत्पादन विषय पर डा0 अखिलेश जागरे ने व्याख्यान प्रस्तुत किए। द्वितीय सत्र में हैन्ड्स आन ट्रेनिंग विषय पर साक्षात प्रशिक्षण दिया गया।
विजय त्रिवेदी चित्रकूट