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राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत मलेरिया, कालाजार, फाइलेरिया, जापानी इंसेफेलाइटिस, डेंगू

चिकुनगुनिया आती है। इन 6 बीमारियों की कार्य योजना बनाकर ससमय कार्य करते हुए लक्ष्य को प्राप्त करना है।

राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत मलेरिया, कालाजार, फाइलेरिया, जापानी इंसेफेलाइटिस, डेंगू तथा चिकुनगुनिया आती है। इन 6 बीमारियों की कार्य योजना बनाकर ससमय कार्य करते हुए लक्ष्य को प्राप्त करना है।

रांची/झारखंड: ब्यूरो रिपोर्ट 

• लक्ष्य को प्राप्त नहीं करने वाले जिलों पर प्रशासनिक तथा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

• कार्यों की ऐसी गति बनानी है जिससे मलेरिया सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या ना रहे।

• MDA के दौरान दिनांक 10 फरवरी से 25 फरवरी 2023 तक फाइलेरिया रोधी दवा की एकल खुराक अपने जिलों में लक्षित जन समुदाय को अवश्य खिलायी जाए।

 

डॉ0 अनिल कुमार, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी

 

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड अंतर्गत वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रमों के सुचारू क्रियान्वयन हेतु एंटोंमोलॉजी एवं वेक्टर कंट्रोल से संबंधित दो दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के दो दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन डॉ0 अनिल कुमार, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, भी0बी0डी0 की अध्यक्षता में किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रतिभागी के रूप में सभी जिला भी0बी0डी0 सलाहकार, जिला मलेरिया निरीक्षक तथा किट संग्रहकर्ता ने भाग लिया।

डॉ0 अनिल कुमार नें प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत मलेरिया, कालाजार, फाइलेरिया, जापानी इंसेफेलाइटिस, डेंगू तथा चिकुनगुनिया आती है। इन 6 बीमारियों की कार्य योजना बनाकर ससमय कार्य करते हुए लक्ष्य को प्राप्त करना है। लक्ष्य को प्राप्त नहीं करने वाले जिलों पर प्रशासनिक तथा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

कार्यों की ऐसी गति बनानी है जिससे मलेरिया सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या ना रहे। उन्होंने कालाजार मामलों के शीघ्र पहचान, उपचार करने तथा लोगों को इस संबंध में जागरूकता लाने का निर्देश दिया। जापानी इंसेफेलाइटिस हेतु मेडिकल नर्सिंग स्टाफ के प्रशिक्षण के माध्यम से त्वरित निदान तथा शीघ्र मामलों के प्रबंधन को मजबूत करना है।

वेक्टर नियंत्रण हेतु फागिंग, पशुओं के आवास में छिड़काव एवं लारवा रोधी ऑपरेशन जांच संभव हो करना सुनिश्चित करेंगे। उच्च जोखिम वाले लोगों विशेषकर 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए टीकाकरण कराया जाना है। डेंगू तथा चिकुनगुनिया के रोकथाम हेतु रोग की निगरानी त्वरित निदान मामले का प्रबंधन तथा लोगों में जागरूकता पर बल देना है।

डॉ0 अनिल कुमार नें प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि MDA के दौरान दिनांक 10 फरवरी से 25 फरवरी 2023 तक फाइलेरिया रोधी दवा की एकल खुराक अपने जिलों में लक्षित जन समुदाय को अवश्य खिलायी जाए।

वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत एंटोंमोलॉजिकल पैरामीटर, जूनोटिक डिजीज, ऑपरेशनल गाइडलाइंस, मॉस्किटो मोरफ़ोलॉजी, लारवा डेमोंसट्रेशन के बारे में प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया।

इस अवसर पर राज्य स्तर से सभी सलाहकार, कर्मी एवं सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

*राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखण्ड
स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग, झारखण्ड

प्रेस विज्ञप्ति

दिनांक – 19.01.2023
स्थान – आई0पी0एच0 सभागार,
नामकुम, राँची, झारखण्ड

• राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत मलेरिया, कालाजार, फाइलेरिया, जापानी इंसेफेलाइटिस, डेंगू तथा चिकुनगुनिया आती है। इन 6 बीमारियों की कार्य योजना बनाकर ससमय कार्य करते हुए लक्ष्य को प्राप्त करना है।
• लक्ष्य को प्राप्त नहीं करने वाले जिलों पर प्रशासनिक तथा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
• कार्यों की ऐसी गति बनानी है जिससे मलेरिया सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या ना रहे।
• MDA के दौरान दिनांक 10 फरवरी से 25 फरवरी 2023 तक फाइलेरिया रोधी दवा की एकल खुराक अपने जिलों में लक्षित जन समुदाय को अवश्य खिलायी जाए।

डॉ0 अनिल कुमार, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड अंतर्गत वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रमों के सुचारू क्रियान्वयन हेतु एंटोंमोलॉजी एवं वेक्टर कंट्रोल से संबंधित दो दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के दो दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन डॉ0 अनिल कुमार, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, भी0बी0डी0 की अध्यक्षता में किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रतिभागी के रूप में सभी जिला भी0बी0डी0 सलाहकार, जिला मलेरिया निरीक्षक तथा किट संग्रहकर्ता ने भाग लिया।
डॉ0 अनिल कुमार नें प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत मलेरिया, कालाजार, फाइलेरिया, जापानी इंसेफेलाइटिस, डेंगू तथा चिकुनगुनिया आती है। इन 6 बीमारियों की कार्य योजना बनाकर ससमय कार्य करते हुए लक्ष्य को प्राप्त करना है। लक्ष्य को प्राप्त नहीं करने वाले जिलों पर प्रशासनिक तथा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
कार्यों की ऐसी गति बनानी है जिससे मलेरिया सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या ना रहे। उन्होंने कालाजार मामलों के शीघ्र पहचान, उपचार करने तथा लोगों को इस संबंध में जागरूकता लाने का निर्देश दिया। जापानी इंसेफेलाइटिस हेतु मेडिकल नर्सिंग स्टाफ के प्रशिक्षण के माध्यम से त्वरित निदान तथा शीघ्र मामलों के प्रबंधन को मजबूत करना है।
वेक्टर नियंत्रण हेतु फागिंग, पशुओं के आवास में छिड़काव एवं लारवा रोधी ऑपरेशन जांच संभव हो करना सुनिश्चित करेंगे। उच्च जोखिम वाले लोगों विशेषकर 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए टीकाकरण कराया जाना है। डेंगू तथा चिकुनगुनिया के रोकथाम हेतु रोग की निगरानी त्वरित निदान मामले का प्रबंधन तथा लोगों में जागरूकता पर बल देना है।
डॉ0 अनिल कुमार नें प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि MDA के दौरान दिनांक 10 फरवरी से 25 फरवरी 2023 तक फाइलेरिया रोधी दवा की एकल खुराक अपने जिलों में लक्षित जन समुदाय को अवश्य खिलायी जाए।
वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत एंटोंमोलॉजिकल पैरामीटर, जूनोटिक डिजीज, ऑपरेशनल गाइडलाइंस, मॉस्किटो मोरफ़ोलॉजी, लारवा डेमोंसट्रेशन के बारे में प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया।
इस अवसर पर राज्य स्तर से सभी सलाहकार, कर्मी एवं सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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