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मां का गाढ़ा पीला दूध शिशु के लिए टॉनिक

ममता संस्था के सहयोग से जिला अस्पताल में मनाया गया विश्व स्तनपान सप्ताह

मां का गाढ़ा पीला दूध शिशु के लिए टॉनिक

ममता संस्था के सहयोग से जिला अस्पताल में मनाया गया विश्व स्तनपान सप्ताह

 चित्रकूट: ममता हेल्थ इंस्टीट्यूट फॉर मदर एंड चाइल्ड के प्रोजेक्ट जागृति -3 के अंतर्गत विश्व स्तनपान सप्ताह

जिला अस्पताल सोनेपुर में शुक्रवार को मनाया गया। इसमें प्रसूताओं को स्तनपान के फायदे और स्तनपान के सही तरीकों की विस्तार से जानकारी दी गई।

ममता के जिला समन्वयक राजीव पाठक ने बताया कि जन्म के एक घंटे के अंदर नवजात को स्तनपान कराना चाहिए। मां का गाढ़ा पीला दूध (जो कोलस्ट्रम कहलाता है) नवजात के लिए टॉनिक का काम करता है। यह बच्चे को कई बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है। निप्पल के साथ स्तन का एरियोला (काला भाग) बच्चे की मुंह के भीतर होना चाहिए। मां और बच्चे का त्वचीय संपर्क बना रहना चाहिए। मां का एक हाथ बच्चे के सिर के नीचे दूसरा हाथ कमर के नीचे होना चाहिए। बच्चे का प्रतिमाह वजन 500 ग्राम या इससे अधिक बढ़ रहा है। इसका मतलब पर्याप्त मात्रा में दूध निकल रहा है। बच्चे को 6 माह तक केवल और केवल स्तनपान ही कराना चाहिए। यहां तक कि उसे अलग से पानी भी देने की जरूरत नहीं है दूध में पर्याप्त मात्रा में पानी रहता है। अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ सुधीर शर्मा ने ममता संस्था के सीधे कंम्यूनिटी में स्वास्थ्य संबंधी शिक्षा देकर जागरूक करने की पहल की सराहना की। इसके पहले पहाड़ी ब्लाक कोऑर्डिनेटर पुष्पा सिंह ने विधिवत स्तनपान के फायदे व सही तरीके बताएं।

इस मौके पर संस्था के मानिकपुर ब्लॉक कोऑर्डिनेटर यशवंत सिंह, रितु साहू आदि रहे।

 

विजय त्रिवेदी चित्रकूट

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