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महाविद्यालय गिरिडीह में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया हुल दिवस

महाविद्यालय गिरिडीह में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया हुल दिवस

गिरिडीह महाविद्यालय गिरिडीह में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया हुल दिवस

गिरीडीह, मनोज कुमार।

गिरिडीह: महाविद्यालय, गिरिडीह के बी. एड. सभागार में संताली विभाग, गिरिडीह महाविद्यालय, गिरिडीह एवम् संताल सांस्कृतिक परिषद, गिरिडीह महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में संताल हूल की 168वीं वर्षगांठ का आयोजन किया गया.

डा. बलभद्र सिंह ने कहा कि जिन संताल हूल के लड़ाकों ने साधारण प्रयोग में आने वाले उपकरण जैसे – कुल्हाड़ी, तीर धनुष से लड़ाई लड़ी, वो साधारण लोग नहीं थे.

डा. एम एन सिंह ने हूल के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि अगर आज हम स्वतंत्र हैं और महसूस कर पा रहे हैं इसमें हमारे हूल के शहीदों का अभूतपूर्व योगदान है.

छात्राओं ने इस अवसर पर सामूहिक गीत “सिदो कान्हू दो ओकारे (सिदो कान्हू कहां हैं)” प्रस्तुत किया. इसके अलावा छात्रा आरती मुर्मू ने भी हूल विषय पर एक गीत प्रस्तुत किया.

मंच का संचालन प्रो. नयन कुमार सोरेन ने किया और हूल की भूमिका पर प्रकाश डाला. इस समारोह में मुख्य रूप से डा. एम एन सिंह, डा. बलभद्र सिंह, प्रो. दिनेश कुमार मुर्मू, प्रो. आदित्य बेसरा और सुधीर बास्के उपस्थित रहे.

इसके अलावा महाविद्यालय के छात्र एवम् छात्राएं उपस्थित रहे. इस अवसर पर महाविद्यालय के लाइब्रेरीयन सुधीर बास्के के गाए हुए गीत “सार कपि – सिदो कान्हू हूल” का विमोचन किया गया.

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