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मतदाताओं ने माला सिन्हा के नाम पर लगा दी मोहर आसान नहीं होगा जातिय गोलबंदी को तोड़ना

मतदाताओं ने माला सिन्हा के नाम पर लगा दी मोहर आसान नहीं होगा जातिय गोलबंदी को तोड़ना

पटना के निर्णायक कायस्थ मतदाताओं ने माला सिन्हा के नाम पर लगा दी मोहर आसान नहीं होगा जातिय गोलबंदी को तोड़ना

पटना: बिहार की मौजूदा सरकार ने एक भी कायस्थ मंत्री नहीं है केंद्र सरकार में मंत्री रहे रविशंकर प्रसाद को भी चलता कर दिया गया इससे पहले शत्रुघ्न सिन्हा को चलता किया गया जो अब तृणमूल की टिकट पर पश्चिम बंगाल से सांसद हैं ऐसे में कायस्थ समुदाय अपने समाज के मुखर नेताओं की तलाश में है और इसका बदला पटना के मेयर चुनाव में लेना चाहता है और अंततः उसे माला सिन्हा के रूप में एक मजबूत सशक्त दावेदार भी मिल गया है।

पटना से मेयर का चुनाव लड़ रही माला सिन्हा को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है पटना के चित्रांश समुदाय के द्वारा आयोजित कई बैठकों में अंततः यह निर्णय ले लिया गया है कि पटना के 17 लाख 25000 मतदाताओं में से जो कायस्थ मतदाता 6:50 लाख हैं इस बार गोलबंद होकर अपने समाज से आने वाली माला सिन्हा को वोट करेंगे जानकार सूत्र बताते हैं कि कायस्थ बिरादरी से पटना दूरदर्शन की पूर्व निर्देशिका रत्ना पुरकायस्था ने भी आज नामांकन किया है। पटना में वोट का गणित काफी उलझा हुआ कई एजेंसियों ने सर्वे किया है पर जातीय गणित का सही आंकड़ा किसी के पास उपलब्ध नहीं है पर जो जानकार है वह बताते हैं कि पटना में विनिंग वोट कायस्थ मतदाताओं का है दूसरे नंबर पर बनिया समाज का वोट है इसके बाद कुशवाहा यादव जैसी जातियां हैं।

राजपूत और भूमिहार जैसी जातियां भी निर्णायक भूमिका में है। अन्य जातियों का वोट भी है जो बिखरा हुआ है अपार्टमेंट संस्कृति वाले वोट बैंक पर किसी का राज नहीं है यह वैसे मतदाता है जो अंतिम समय में निर्णय लेते हैं कि उन्हें वोट किसे देना है। पटना में मेयर के साथ ही साथ उप मेयर और 75 वार्ड में वार्ड काउंसलर का भी चुनाव हो रहा है। पटना के मतदाता तीन ईवीएम मशीन में वोट डालेंगे जिसमें वे मेयर डिप्टी मेयर और वार्ड काउंसलर के लिए वोटिंग करेंगे। लड़ाई में प्रमुखता के साथ बने विनीता बिट्टू सिंह राजपूत जाति से आती हैं जबकि सीता साहू बनिया समाज से कुशवाहा मतों के सहारे जोर लगा रही मधु मंजरी का पूरा चुनावी गणित जातीय वोट बैंक पर ही टिका है जबकि पूर्व मेयर अफजल इमाम की पत्नी मजहबी इमाम भी मुस्लिम मतों के गोलबंदी के भरोसे हैं।पटना में मेयर पद के चुनाव में सबसे अहम कड़ी कायस्थ मतदाता है जिनकी तादाद कुल मतदाताओं में 6.50 लाख के करीब है। पटना की 4 विधानसभा सीटों में से 2 सीट कुमहरार और बांकीपुर पर लंबे वक्त से कायस्थ विधायकों का कब्जा है जबकि पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र पर भी कायस्थ जाति का ही वर्चस्व है। अन्य अन्य जातियों का वोट बैंक जहां बिखरता है वही कायस्थ जाति के वोटरों की खासियत है कि वह अंतिम समय में गोलबंद होकर अपने ही जाति के उम्मीदवार को वोट करते हैं। इस जाति से मेयर पद के लिए दो उम्मीदवार सामने आई हैं एक हैं वार्ड 44 की वार्ड पार्षद माला सिन्हा दूसरी है साहित्यकार और दूरदर्शन की निर्देशिका रही रत्ना पुरकायस्था। दोनों उम्मीदवारों में माला सिन्हा का पलड़ा काफी भारी बताया जा रहा है माला सिन्हा के पति सितेश रमन की गिनती बड़े बिल्डरों में है इनका राजनीतिक रुतबा भी काफी मजबूत है समाज सेवा के क्षेत्र में भी इन्होंने पटना में काफी बढ़िया काम किया है। रत्ना पुरकायस्था के फैन फॉलोइंग में भी कोई कमी नहीं है पर राजनीति का तजुर्बा नही है। पटना में कायस्थ संगठनों ने कई बड़ी मीटिंग आयोजित कर यह निर्णय लिया था कि अंतिम समय में जो उम्मीदवार जिताऊ होगा उसे ही समाज समर्थन करेगा आज इस समाज के एक बड़े चेहरे राजीव रंजन सिन्हा माला सिन्हा के साथ नजर आए और कई सारे अन्य लोग भी माला सिन्हा के समर्थन में खुलकर सामने आ गए।आज कायस्थ समाज के लोगो ने पटना मेयर प्रत्याशी माला सिन्हा को अपना समर्थन दिया और कहा कि उनका वोट माला सिन्हा को जायेगा !

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