मगध व आम्रपाली ओपन कोल परियोजना से प्रभावित दलित- आदिवासियों की बस्ती में छाए संकट के बादल
देवलगडा़ व मनवाटोंगरी में रहने वाले सैंकड़ों ग्रामीण धूल व हैवी ब्लास्टिंग से हैं परेशान, सुरक्षा की लगा रहे गुहार
मगध व आम्रपाली ओपन कोल परियोजना से प्रभावित दलित- आदिवासियों की बस्ती में छाए संकट के बादल
देवलगडा़ व मनवाटोंगरी में रहने वाले सैंकड़ों ग्रामीण धूल व हैवी ब्लास्टिंग से हैं परेशान, सुरक्षा की लगा रहे गुहार
झारखंड : चतरा जिले के टंडवा में संचालित मगध व आम्रपाली के कोल खनन परियोजनाओं द्वारा महज 15 से 20 मीटर की दूरी में हो रहे ओपेन माइनिंग के दौरान ब्लास्टिंग व धूल से मगध के देवलगडा़ व आम्रपाली परियोजना स्थित मनवाटोंगरी के दलित- आदिवासी बस्तियों में रहने वाले सैंकड़ों ग्रामीण भयाक्रांत व दहशत के साये में जीने के लिए मजबूर हैं। आपको बता दें उक्त मामले में प्रभावित देवलगड्डा गांव जहां आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है, वहां गरीब आदिवासियों के दर्जनों बच्चे पढ़ते हैं। उससे महज 15 मीटर की दूरी पर मगध परियोजना का ओपनकास्ट माइनिंग संचालित है।कोल उत्खनन कार्य के दौरान हैवी ब्लास्टिंग व कंप्रेशर मशीनों की वजह से आंगनबाड़ी केंद्र जर्जर हो चुका है इससे हमेशा वहां अनहोनी की आशंका बनी रहती है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रबंधन के इतने दमनात्मक रवैए होने के बावजूद उनकी सुधी लेने वाला कोई नहीं है। इससे देखा जाए तो प्रबंधन, प्रशासन व जनप्रतिनिधियों पर लोगों में बड़ी नाराज़गी पनप रही है।
कमोबेश यही हाल सीसीएल के संचालित आम्रपाली कोल परियोजना स्थित मनवाटोंगरी में भी दिखाई देता है जहां रहने वाले बहुसंख्यक गरीब दलित समुदाय हमेशा दहशत के साये में घुट -घुट जी रहे हैं।
कुंवर यादव पत्रकार झारखंड