बिहार का पहला निजी क्लिनिकल फिजियोलॉजी लैब खोल रहे डॉ प्रभात रंजन स्वास्थ्य के क्षेत्र में आएगी नई क्रांति
बिहार का पहला निजी क्लिनिकल फिजियोलॉजी लैब खोल रहे डॉ प्रभात रंजन स्वास्थ्य के क्षेत्र में आएगी नई क्रांति
बिहार का पहला निजी क्लिनिकल फिजियोलॉजी लैब खोल रहे डॉ प्रभात रंजन स्वास्थ्य के क्षेत्र में आएगी नई क्रांति
बिहार: बिहार में पहले निजी क्लिनिकल फिजियोलॉजी लैब की शुरुआत जल्द होने जा रही है। इस क्लिनिकल फिजियोलॉजी लैब के शुरू हो जाने से एक छत के नीचे ही क्लिनिकल फिजियोलॉजी की सारी सुविधाएं मरीजों को मिल पाएगी। इस फिजियोलॉजी क्लीनिक का संचालन डॉ प्रभात रंजन डायग्नोस्टिक एवं रिसर्च सेंटर करेगा।
संस्थान के एमडी डॉ प्रभात रंजन के अनुसार यह बिहार का पहला निजी क्लीनिकल फिजियोलॉजी लैब होगा। अभी महानगरों तक ही ये सेवाएं सीमित है। डॉ. प्रभात रंजन आगे बताते हैं कि इन दिनों चिकित्सा पद्धति काफी बदल गई है। लगातार नए प्रयोग हो रहे हैं। ऐसे में आज इलाज में क्लीनिकल फिजियोलॉजी का महत्व काफी बढ़ गया है। बिहार में अब तक कुछ सरकारी अस्पतालों को छोड़ एक छत के नीचे ऐसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं थी। हम विश्वस्तरीय क्लीनिकल फिजियोलॉजी लैब की सुविधा पटना में उपलब्ध करवाने की पहल कर रहे हैं। यह सुविधा 7 मई से बिहार की राजधानी पटना के कंकड़बाग में उपलब्ध हो जाएगी। हमारी योजना इसकी शाखाएं बिहार के अन्य शहरों में खोलने की भी है। यह बिहार में चिकित्सा के क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति तो है ही इससे रोजगार के नए दरवाजे भी खुलेंगे।
जाने क्या होता है क्लिनिकल फिजियोलॉजी
डॉ Rupam Ranjan
क्लिनिकल physiologist
जो कि physiology में gold मेडलिस्ट है ने बताया
क्लिनिकल फिजियोलॉजी को फिजियोलॉजी की एक विशेष शाखा के तौर पर में जाना जाता है। यह किसी भी बीमारी के पैथोफिजियोलॉजी को समझने के लिए एक कार्यात्मक दृष्टिकोण का उपयोग करता है।
विधानपरिषद के सभापति होंगे मुख्य अतिथि
पटना में शुरू हो रहे पहले निजी क्लीनिकल फिजियोलॉजी लैब का उद्घाटन 7 मई को होना है। उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर मौजूद रहेंगे इसके साथ ही विशिष्ट अतिथि के रूप में IMA के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सहजानंद प्रसाद, सांसद संजय जायसवाल, समेत बिहार की जानीमानी हस्तियां मौजूद रहेंगी।
तैयारियों को दिया जा रहा अंतिम रूप
इस लैब के उद्घाटन को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। निःसंदेह यह बिहार जैसे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा।